Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2024 · 2 min read

तरक्की

मेरे दफ्तर से घर आते ही श्रीमती जी ने कही,
अजी सुनते हो, शर्मा जी की तो हो गई.

तुम्हारी पता नहीं कब होगी तरक्की ?
शायद मैं ही हूँ इस मामले में अनलाक्की.

आप तो काम काम रोते हो,
दिन रत काम का बोझा ढोते हो.

काम कहीं आया काम तुम्हारे ?
एक-एक करके साथ वाले आगे निकल गए सारे.

एक तुम हो वहीँ के वहीँ पड़े हो,
अड़ियल घोड़े की तरह अड़े हो.

मिसेज शर्मा को मैं आज मान गई,
कैसी ली है तरक्की जान गई.

मिसेज शर्मा ने बताया …
देख नहीं रहे हवा के रुख में हो रहा परिवर्तन निरंतर,
तभी तो आ गया है आज के रहन सहन में अंतर.

कह रही थी आप देखते हो कि नहीं ?
अब तो पहले वाली हवा ही नहीं रही.

पहले साइकिल में हवा भरवाए महीनों गुजर जाते थे,
महीनों बाद ही साइकिल में हवा भरवाते थे .

अब साइकिल में हवा कहाँ ठहर पाती है,
दुकान से घर तक जाते जाते निकल जाती है.

उन्होंने भी हवा के रुख को पहचान लिया है,
तभी तो ‘प्रेस्टीज’ को बेच दिया है.

जो था कभी पति के दिल में उनके प्यार का प्रतीक,
बेच दिया उन्होंने वही ‘प्रेस्टीज’.

‘पुराने के बदले नया’ वाली स्कीम का उपयोग किया,
और ‘प्रेस्टीज’ को बेच कर ‘यूनाइटेड’ ले लिया.

और ‘यूनाइटेड’ ने कर दिया कमाल,
मिली तरक्की इत्यादि-इत्यादि.

आप का ‘प्रेस्टीज’ बेचने का ईरादा नहीं है क्या ?
इसके सिवाए तरक्की का रास्ता कहीं है क्या ?

यह सब सुन मन रो दिया,
भारतवर्ष ने अपना गौरव कहाँ खो दिया ?

संसार को जिसने कर्म का सन्देश दिया,
वहां पर लोगों ने यह कैसा रास्ता अपना लिया ?

135 Views
Books from Khajan Singh Nain
View all

You may also like these posts

..
..
*प्रणय*
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ।
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ।
Dr fauzia Naseem shad
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
दोहा-प्रहार
दोहा-प्रहार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
राम
राम
Suraj Mehra
हारता वो है
हारता वो है
नेताम आर सी
2611.पूर्णिका
2611.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कविता
कविता
Nmita Sharma
भले हो ना हो नित दीदार तेरा...
भले हो ना हो नित दीदार तेरा...
Ajit Kumar "Karn"
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
Paras Nath Jha
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
अमीरों की गलियों में
अमीरों की गलियों में
gurudeenverma198
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
सम्भव नहीं ...
सम्भव नहीं ...
SURYA PRAKASH SHARMA
15🌸बस तू 🌸
15🌸बस तू 🌸
Mahima shukla
गंगा की पुकार
गंगा की पुकार
Durgesh Bhatt
महानगरीय जीवन
महानगरीय जीवन
लक्ष्मी सिंह
प्रीति घनेरी
प्रीति घनेरी
Rambali Mishra
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
डॉ. दीपक बवेजा
दो मुक्तक
दो मुक्तक
Dr Archana Gupta
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
"बह रही धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
Time and tide wait for none
Time and tide wait for none
VINOD CHAUHAN
कितने ही झूठ की बैसाखी बना लो,
कितने ही झूठ की बैसाखी बना लो,
श्याम सांवरा
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
Loading...