Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 2 min read

नारियल पानी ठेले वाला!

बात चाहे पुरानी है मगर अब भी वक्त की कसौटी पे
खरी उतरती संघर्ष की सार्थकता की यह निशानी है
हँसी ठट्ठा नहीं ये तो संघर्षों भरे जीवन की कहानी है!

एक दिन नारियल पानी बेचने वाले के ठेले पर खड़ा
विरोधाभास से भरा एक अजब नज़ारा देख रहा था
एक तरफ़ नारियल पानी के गुणों का बखान करता
खड़ी भीड़ को ठेले वाला नारियल पानी बेच रहा था
दूसरी तरफ़ स्वयं हाथ में गर्म चाय की प्याली लिए
बड़े मज़े से चुसकियाँ लेता चाय अंदर उड़ेल रहा था!

ख़ुद को रोक न सका तो जिज्ञासा वश मैं बोल उठा
क्यों भाई औरों के लिए गुणों से भरा नारियल पानी
मगर अपने लिए ये गर्मागर्म कड़क चाय की प्याली
कहाँ नारियल के ढेरों गुण कहाँ चाय में भरे अवगुण!

कलेजा जलाकर तुम अपने जीवन से बस खेलते हो
खुद के पोषण की सोचो क्यों जहर अंदर उड़ेलते हो
ठेले वाला बोला बाबू छोड़ो लम्बी लम्बी हाँकते हो
ग़रीबी क्या है उसके अंदर भी क्या कभी झाँकते हो!

परिवार के भरण पोषण की ख़ातिर ही श्रम करता हूँ
सब जी सकें उसी यत्न में रात दिन वक्त से लड़ता हूँ
बड़ा ना सही मगर व्यापारी हूँ मुनाफ़ा खूब जानता हूँ
पाँच और पचास रूपये में अंतर मैं ख़ूब पहचानता हूँ!

चाय पर पाँच खर्चता हूँ नारियल पर पचास कमाता हूँ
नारियल पानी खुद पियूँगा तो एक पे पचास गवाऊँगा
अगर पैंतालीस ना मिले तो सब धंधा चौपट कराऊँगा
यह नुक़सान कहाँ से भरूँगा अपना घर कैसे चलाऊँगा!

ज़हर अमृत गुण अवगुण ऊँचे आदर्श कौन पालता है
यह भूखा पेट नैतिकता अनैतिकता कहाँ पहचानता है
गुणगान बखान तो बस मेरा धंधा करने का तरीक़ा है
बाक़ी ग्राहक की मर्ज़ी पे छोड़ा सच्च वो ही जानता है!

उसकी बातों से उसके दिल में दबी पीड़ा झलक गयी
उसकी आँखों से अश्रु धारा बनके वो सारी टपक गयी
वहाँ विचलित मन लिए मैं निशब्द सोचता ही रह गया
ज़िन्दगी की कड़वी सच्चाई देखकर नारियल पानी की
मिठास में छुपे कड़वे सच्च में मैं यकायक ही बह गया!

Language: Hindi
123 Views
Books from Pradeep Shoree
View all

You may also like these posts

हाँ बाम-ए-फ़लक से तुझी को चांद निहारे (ग़ज़ल)
हाँ बाम-ए-फ़लक से तुझी को चांद निहारे (ग़ज़ल)
Johnny Ahmed 'क़ैस'
सत्यदेव
सत्यदेव
Rajesh Kumar Kaurav
मंदबुद्धि का प्यार भी
मंदबुद्धि का प्यार भी
RAMESH SHARMA
चाय!
चाय!
Kanchan Alok Malu
..
..
*प्रणय*
संग दिल जहां
संग दिल जहां
ओनिका सेतिया 'अनु '
बाबा साहेब भीमराव ने
बाबा साहेब भीमराव ने
gurudeenverma198
*चिंता और चिता*
*चिंता और चिता*
VINOD CHAUHAN
दोनों की सोच का मरकज़ तो एक है
दोनों की सोच का मरकज़ तो एक है
Dr fauzia Naseem shad
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मित्रता चित्र देखकर नहीं
मित्रता चित्र देखकर नहीं
Sonam Puneet Dubey
इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है,
इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है,
Shikha Mishra
*BOOKS*
*BOOKS*
Poonam Matia
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
कविता
कविता
Neelam Sharma
जब मिल जाए सच्चा साथी तो फर्क नही पड़ता क्या है उसकी जाति।
जब मिल जाए सच्चा साथी तो फर्क नही पड़ता क्या है उसकी जाति।
Rj Anand Prajapati
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
" हद "
Dr. Kishan tandon kranti
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
Aadarsh Dubey
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिंदगी है एक खेल
जिंदगी है एक खेल
Shutisha Rajput
पैसा अगर पास हो तो
पैसा अगर पास हो तो
शेखर सिंह
जब हम स्पष्ट जीवन जीते हैं फिर हमें लाभ हानि के परवाह किए बि
जब हम स्पष्ट जीवन जीते हैं फिर हमें लाभ हानि के परवाह किए बि
Ravikesh Jha
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
3764.💐 *पूर्णिका* 💐
3764.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कल जो रहते थे सड़क पर
कल जो रहते थे सड़क पर
Meera Thakur
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
शाकाहारी
शाकाहारी
डिजेन्द्र कुर्रे
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
Rituraj shivem verma
Loading...