Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*

गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)
______________________
गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम
बालक-रूप विराजते, जहॉं सौम्य प्रभु राम
जहॉं सौम्य प्रभु राम, श्याम छवि हर क्षण पाऍं
कमल-नयन मुस्कान, धन्य पाकर हो जाऍं
कहते रवि कविराय, दिव्य जीवन हो जाता
जिह्वा से जो नाम, राम सॉंसों में गाता
_________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

127 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

*आज छठी की छटा निराली (गीत)*
*आज छठी की छटा निराली (गीत)*
Ravi Prakash
The magic of you
The magic of you
Deep Shikha
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
वसंत बहार
वसंत बहार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अपने भीतर का रावण...
अपने भीतर का रावण...
TAMANNA BILASPURI
संसार
संसार
Dr. Shakreen Sageer
मर्यादा पुरषोत्तम
मर्यादा पुरषोत्तम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को
कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को
Aadarsh Dubey
न बोझ बनो
न बोझ बनो
Kaviraag
तरसता रहा
तरसता रहा
Dr fauzia Naseem shad
तुझे देखा , तुझे चाहा , तु ही तो साथ हरदम है ,
तुझे देखा , तुझे चाहा , तु ही तो साथ हरदम है ,
Neelofar Khan
आओ घर चलें
आओ घर चलें
Shekhar Chandra Mitra
इश्क का वहम
इश्क का वहम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
The News of Global Nation
यादों को जब से
यादों को जब से
Mahesh Tiwari 'Ayan'
शीर्षक:कौन कहता हैं कि..?
शीर्षक:कौन कहता हैं कि..?
Dr Manju Saini
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Anup kanheri
मेरे भीतर मेरा क्या है
मेरे भीतर मेरा क्या है
श्रीकृष्ण शुक्ल
🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय*
होली
होली
नूरफातिमा खातून नूरी
23/115.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/115.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इस जग में है प्रीत की,
इस जग में है प्रीत की,
sushil sarna
**नववर्ष मंगलमयी हो**
**नववर्ष मंगलमयी हो**
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
Sudhir srivastava
ग़लती करना प्रकृति हमारी
ग़लती करना प्रकृति हमारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कान्हा और मीरा
कान्हा और मीरा
पूर्वार्थ
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
दबी दबी आहें
दबी दबी आहें
Shashi Mahajan
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...