Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

अधूरी

…….अधूरी……..

अकसर अधूरी रह जाती हैं बातें
अब बाबुल की याद में हि कटती है रातें

वक्त निकाल कर
बात तो कर लेते हैं
हाल ए दिल सुना देते हैं
मगर कुछ अधूरी कहानी रह जाती है
कुछ बाते सुनानी रह जाती है

जिम्मेदारियों में आंखे डूब जाती हैं
बाबुल की यादें भी बहुत सताती हैं

ऐ जिंदगी शिकायत नही तुझसे
खो दिया है बाबुल का आंगन खुदसे

फिक्र तो आज भी होती है
भाई कैसा होंगा
मां ने किससे अपना हाल बांटा होंगा

जिम्मेदारी का रिश्ता भी
यादों में खोने नही देता
रहती है याद सबकी सोने नहीं देता

हस्ता खेलता बाबुल का आंगन रहे
बस यही इल्तेजा खुदासे करती हु
………………………………..
नौशाबा जिलानी सुरिया

Language: Hindi
1 Like · 188 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*वो है खफ़ा  मेरी किसी बात पर*
*वो है खफ़ा मेरी किसी बात पर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आलसी व्यक्ति बैठे-बैठे ही स्वयं बर्बाद हो जाता है।
आलसी व्यक्ति बैठे-बैठे ही स्वयं बर्बाद हो जाता है।
Buddha Prakash
यजीद के साथ दुनिया थी
यजीद के साथ दुनिया थी
shabina. Naaz
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"लाजवाब"
Dr. Kishan tandon kranti
मौन
मौन
Shweta Soni
संघर्षों की
संघर्षों की
Vaishaligoel
*भेदा जिसने है चक्रव्यूह, वह ही अभिमन्यु कहाता है (राधेश्याम
*भेदा जिसने है चक्रव्यूह, वह ही अभिमन्यु कहाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
जब तक मचा रहता है  अन्दर में  कशमकश
जब तक मचा रहता है अन्दर में कशमकश
Paras Nath Jha
मूरत
मूरत
कविता झा ‘गीत’
मैं बुलाऊं तो तुम आओगे ना,
मैं बुलाऊं तो तुम आओगे ना,
Jyoti Roshni
3471🌷 *पूर्णिका* 🌷
3471🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
वर्षा रानी
वर्षा रानी
Ranjeet kumar patre
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
तुम्हें लिखना आसान है
तुम्हें लिखना आसान है
Manoj Mahato
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
sudhir kumar
"मन" भर मन पर बोझ
Atul "Krishn"
दण्डक
दण्डक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
यदि एक अवसर मिलता तो क्या करती?
यदि एक अवसर मिलता तो क्या करती?
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मोहब्बत किए है।
मोहब्बत किए है।
Rj Anand Prajapati
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आज का युग ऐसा है...
आज का युग ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
जीवन समीक्षा
जीवन समीक्षा
Shyam Sundar Subramanian
कुछ सोचा था मैने, कुछ और ही निकला...
कुछ सोचा था मैने, कुछ और ही निकला...
Vansh Agarwal
देव घनाक्षरी
देव घनाक्षरी
seema sharma
वंदना
वंदना
Parvat Singh Rajput
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
DrLakshman Jha Parimal
सफ़र आसान हो जाए मिले दोस्त ज़बर कोई
सफ़र आसान हो जाए मिले दोस्त ज़बर कोई
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...