साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं"
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
"एक अग्नि की चिंगारी काफी है , जंगल जलाने के लिए l एक बीज का
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी रही होगी हमसे
*रामपुर रियासत का प्राचीन इतिहास*
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नाचणिया स नाच रया, नचावै नटवर नाथ ।
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक अविरल प्रेम कहानी थी जब अग्नि कुंड में कूद पड़ी मां भवानी थी
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......