Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2024 · 1 min read

उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,

उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
हम तुम एक दूसरे से अच्छी तरह घूल मिल जाये,
हम खुद ही बता दें लोगों को अपने बारे में,
ऐसा न हो कि वो कुछ और समझ जाये,

Jayvind Singh Ngariya Ji

196 Views

You may also like these posts

वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
Ajit Kumar "Karn"
पथदृष्टा
पथदृष्टा
Vivek Pandey
😊
😊
*प्रणय*
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
Ranjeet kumar patre
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
gurudeenverma198
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
एक अरसा लगता है
एक अरसा लगता है
हिमांशु Kulshrestha
सही कदम
सही कदम
Shashi Mahajan
हमारा चंद्रयान
हमारा चंद्रयान
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
कलम और तलवार
कलम और तलवार
Kanchan verma
सदा सदाबहार हिंदी
सदा सदाबहार हिंदी
goutam shaw
Teacher (गुरु मां)
Teacher (गुरु मां)
Sneha Singh
तुम
तुम
Rekha khichi
अनकहे अल्फाज़
अनकहे अल्फाज़
Karuna Bhalla
राष्ट्रवादहीनता
राष्ट्रवादहीनता
Rambali Mishra
मजदूर
मजदूर
Dinesh Kumar Gangwar
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
VINOD CHAUHAN
2718.*पूर्णिका*
2718.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#भ्रष्टाचार
#भ्रष्टाचार
Rajesh Kumar Kaurav
चापड़ा चटनी
चापड़ा चटनी
Dr. Kishan tandon kranti
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल _ बादल घुमड़ के आते , ⛈️
ग़ज़ल _ बादल घुमड़ के आते , ⛈️
Neelofar Khan
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
Sanjay ' शून्य'
Let’s use the barter system.
Let’s use the barter system.
पूर्वार्थ
राहों से हम भटक गए हैं
राहों से हम भटक गए हैं
Suryakant Dwivedi
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
पारसदास जैन खंडेलवाल
पारसदास जैन खंडेलवाल
Ravi Prakash
कुछ तो कहना होगा
कुछ तो कहना होगा
राकेश पाठक कठारा
सुनबऽ त हँसबऽ तू बहुते इयार
सुनबऽ त हँसबऽ तू बहुते इयार
आकाश महेशपुरी
Loading...