Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2023 · 2 min read

ईश्वर के प्रतिरूप

लघुकथा

ईश्वर के प्रतिरूप

पति-पत्नी शाम को टेरेस पर बैठे बतिया रहे है।
पत्नी बोली, “अभी कोरोना से दुनियाभर में हाहाकार मचा हुआ है। मुझे लगता है यह कोरोना तो महज एक शुरुआत है। अब न जाने कब कौन-सा वायरस आकर यूँ तबाही मचा दे।”
पति बोला, “हाँ, यह भी मुमकिन है। वैसै पहले भी ऐसे कुछ वायरस अपना कहर ढा चुके हैं, पर हमारे साइंटिस्ट और डॉक्टर्स देर-सबेर इनका तोड़ निकाल ही लेते हैं।”
पत्नी बोली, “हाँ, सो तो है जी। मैं आज अखबार में एक खबर पढ़ रही थी, जिसके मुताबिक हजारों की संख्या में डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ भी संक्रमित हो रहे हैं। हमारे देश में ही सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर्स की मौत हो चुकी है। मैं तो इस रिपोर्ट को पढ़कर ही बहुत डर गई हूँ।”
पति ने कहा, “क्यों भला ?”
पत्नी बोली, “आप पूछ तो ऐसे रहे हैं जैसे आपको कुछ पता ही नहीं। आप ही तो हमारे इकलौते बेटे को डॉक्टर बनाने पर तुले हुए हैं। बेटा भी उसके लिए जी जान से लगा हुआ है।”
पति ने शांत भाव से कहा, “सच कहूँ तो वर्तमान में डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ की सेवा भाव को देखकर मेरा विश्वास और भी प्रबल हो गया है कि ये सचमुच धरती पर ईश्वर के प्रतिरूप हैं। समुद्र मंथन में निकले विष को लोकहित में जिस प्रकार शिव जी ने पी लिया था, उसी प्रकार आज ये लोग कोरोना से लड़ रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या, कोरोना से बचने वालों की संख्या से बहुत ही कम है। अब तो मेरी इच्छा और भी बलवती हो गई है हमारी इकलौती संतान डॉक्टर ही बने।”
उन्होंने पत्नी की ओर देखा। उसकी आँखों में संतुष्टि के भाव थे।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

2 Likes · 201 Views

You may also like these posts

एक और द्रोपदी
एक और द्रोपदी
आशा शैली
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कविता
कविता
Rambali Mishra
" प्रेम का अर्थ "
Dr. Kishan tandon kranti
माॅ प्रकृति
माॅ प्रकृति
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
राष्ट्रशांति
राष्ट्रशांति
Neeraj Agarwal
यादों की एक नई सहर. . . . .
यादों की एक नई सहर. . . . .
sushil sarna
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
भाग्य
भाग्य
surenderpal vaidya
।। गिरकर उठे ।।
।। गिरकर उठे ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
रिश्ता-ए–उम्मीद
रिश्ता-ए–उम्मीद
RAMESH SHARMA
रिश्तों की रिक्तता
रिश्तों की रिक्तता
पूर्वार्थ
कहती है नदी
कहती है नदी
Meera Thakur
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"" *अहसास तेरा* ""
सुनीलानंद महंत
शतरंज
शतरंज
भवेश
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
सत्यदेव
सत्यदेव
Rajesh Kumar Kaurav
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
2913.*पूर्णिका*
2913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! परदे हया के !!
!! परदे हया के !!
Chunnu Lal Gupta
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना  महत्व  ह
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना महत्व ह
Satya Prakash Sharma
नई खिड़की
नई खिड़की
Saraswati Bajpai
खो गए हैं ये धूप के साये
खो गए हैं ये धूप के साये
Shweta Soni
अनपढ़ सी
अनपढ़ सी
SHAMA PARVEEN
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान(गीत)
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान(गीत)
Ravi Prakash
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...