Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2023 · 1 min read

23/15.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका

23/15.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷तोरेच अगोरा करत रथे 🌷
22 22 22 22
तोरेच अगोरा करत रथे ।
तोर मया बर वो मरत रथे ।।
अंतस के गोठ नई जानस ।
घुरवा के कचरा सरत रथे ।।
छिदराहा देख हवे दुनिया ।
डोरी कस मन ला बरत रथे ।।
हरहिंछा जिनगी जी लेबो ।
संगी पांव इहां परत रथे ।।
सुघ्घर करम आज हवे खेदू।
बरमासी फर हा फरत रथे ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-10-2023रविवार

279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

चले चलो
चले चलो
TARAN VERMA
* जीवन रथ **
* जीवन रथ **
Dr. P.C. Bisen
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
Neelofar Khan
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
श्याम सांवरा
मधुमास सा
मधुमास सा
Pratibha Pandey
मित्रता
मित्रता
Rambali Mishra
"कला"
Dr. Kishan tandon kranti
आजकल की बेटियां भी,
आजकल की बेटियां भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो दौड़ा आया है
वो दौड़ा आया है
Sonam Puneet Dubey
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
"जो सब ने कहा, जो जग ने कहा, वो आपने भी दोहरा दिया तो क्या ख
*प्रणय*
कलेवा
कलेवा
Satish Srijan
.......शेखर सिंह
.......शेखर सिंह
शेखर सिंह
हँसी का पात्र
हँसी का पात्र
Sudhir srivastava
4274.💐 *पूर्णिका* 💐
4274.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
* हाथ मलने लगा *
* हाथ मलने लगा *
surenderpal vaidya
जीवन की आवाज़
जीवन की आवाज़" (Voice of Life):
Dhananjay Kumar
*मनमौजी (बाल कविता)*
*मनमौजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कैसे पचती पेट में, मिली मुफ्त की दाल।.
कैसे पचती पेट में, मिली मुफ्त की दाल।.
RAMESH SHARMA
#सुर आज रे मन कुछ ऐसे सजा
#सुर आज रे मन कुछ ऐसे सजा
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
बेसहारों को देख मस्ती में
बेसहारों को देख मस्ती में
Neeraj Mishra " नीर "
निर्णय
निर्णय
NAVNEET SINGH
बातों में बनावट तो कही आचरण में मिलावट है
बातों में बनावट तो कही आचरण में मिलावट है
पूर्वार्थ
अविरल धारा।
अविरल धारा।
Amber Srivastava
"तुम जो भी कर्म करो प्रेम और सेवा भाव से करो क्योंकि अच्छे क
Ranjeet kumar patre
देर लगेगी
देर लगेगी
भगवती पारीक 'मनु'
श्रम बनाम भ्रम
श्रम बनाम भ्रम
Jyoti Pathak
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
बात अच्छी है बस अमीरी की,
बात अच्छी है बस अमीरी की,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...