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4 Oct 2023 · 1 min read

बह जाऊ क्या जिंदगी……

बह जाऊ क्या जिंदगी तेरे खयालो में
एक जबाब के लाखो सवालों में
छोटी जिंदगी के बड़े बड़े हिसाबो में
कुछ जुड़े कुछ अधकटे शब्दो में
कुछ लिखें कुछ मिटे अर्थो में
कुछ खुद की मिलावट में
कुछ बनती बिगड़ती सजावट में
कुछ सपनो में कुछ अरमाओ की रूकावट में
कुछ बचपन से मिलती जिम्मेदारी में
कुछ फ़ल के प्रयास में बिगड़ते प्रतिफल में
कुछ अपनों में कुछ अपनों की साजिश में
कुछ पता करने में कुछ पता करने की रंजिस में
कुछ खुद में तो कुछ खुदा में
कुछ जाने में कुछ अनजाने में
कुछ जूतों की कीलों से आती आवाजों में
कुछ साय साय करती काली रातो में
बस गुजर रही है जिंदगी
कभी धूप में तो कभी बरसातों मे
लगता है बह जाऊ क्या एक जिंदगी
तेरे खयालो मे और तेरे हिसाबो मे…….
# देव

1 Like · 2 Comments · 262 Views

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