*सज्जन (अमृतध्वनि छंद )*
सज्जन (अमृतध्वनि छंद )
सज्जन संत सदा करें,ज़नहित में हर काम।
मिटा पराया भाव है,दिल में प्रति क्षण राम।।
दिल में प्रति क्षण राम,प्रेम ही,उनका जीवन।
बिना स्वार्थ के,सदा मगन है,मन उपवन।।
लगते सारे,लोग सुपरिचित,अति प्रिय शिव ज़न।
रखते कभी न,द्वेष किसी से,अनुपम सज्जन।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।