Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2024 · 1 min read

रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)

गीत (बंगाल पर)

रात रात भर रजनी जागे
सहमी भोर दुलारी
जब आंखें मूंदे जमघट हो
क्या कहती बेचारी

दिल भी रीता, आँखें सूखी
शोर न करती वाणी
सन्नाटे को चीर रही है
बेबस बड़ी कहानी
कैसा भाग लिखा पंचाली
दुखी आज हर नारी!
क्या कहती बेचारी।

विचलित मन से, क्रंदन क्रंदन
आंदोलन आभासी
कुछ दिन का उन्माद रहेगा
फिर से वही उदासी
जीवन भर जो गरल पिए हैं
वो सांसें दुश्वारी
क्या कहती बेचारी।

भ्रम में जीता है जग सागर
सीता को दुख देता
राधा राधा रटने वाले
कलियुग के अभिनेता
चीर हरण करते मर्यादा
छद्म वेश संसारी
क्या कहती बेचारी।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
Tag: गीत
132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all

You may also like these posts

मनु
मनु
Shashi Mahajan
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
go88xncom
go88xncom
go88xncom
कठिन बुढ़ापा...
कठिन बुढ़ापा...
Sunil Suman
मौन
मौन
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
ललकार भारद्वाज
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
Suryakant Dwivedi
2910.*पूर्णिका*
2910.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माया
माया
pradeep nagarwal24
मैं क्या लिखूँ
मैं क्या लिखूँ
Aman Sinha
श्री चरण नमन
श्री चरण नमन
Dr.Pratibha Prakash
नारी तेरी कहानी
नारी तेरी कहानी
Rekha khichi
अवधू का सपना
अवधू का सपना
अवध किशोर 'अवधू'
बाण माताजी री महिमां
बाण माताजी री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अपनों से वक्त
अपनों से वक्त
Dr.sima
लड़को यह जानने समझने के बाद बहुत आसानी होगी तुम्हे कि नदी हम
लड़को यह जानने समझने के बाद बहुत आसानी होगी तुम्हे कि नदी हम
पूर्वार्थ
"Success is Here inside
Nikita Gupta
LEAVE
LEAVE
SURYA PRAKASH SHARMA
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
ई भारत देश महान हवे
ई भारत देश महान हवे
आकाश महेशपुरी
बसंत के रंग
बसंत के रंग
Shutisha Rajput
अभी कुछ तो शेष है मुझमें
अभी कुछ तो शेष है मुझमें
पूर्वार्थ देव
वाणी
वाणी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
पंख गिरवी रख लिए
पंख गिरवी रख लिए
Dr. Rajeev Jain
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
अब नहीं चाहिए बहारे चमन
अब नहीं चाहिए बहारे चमन
Kanchan Gupta
चोट
चोट
आकांक्षा राय
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
"बाजार "
Dr. Kishan tandon kranti
* जिंदगी की दौड़ *
* जिंदगी की दौड़ *
Vaishaligoel
Loading...