Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2023 · 2 min read

श्राद्ध

श्राद्ध
“हेलो पण्डित जी प्रणाम!…… मैं श्यामलाल जी का बेटा प्रकाश बोल रहा हूं, आयुष्मान भव बेटा!….. कहो कैसे याद किया आज सुबह सुबह। जी पण्डित दरअसल बात ये है कि हमारे पिताजी का स्वर्गवास हुए एक साल हो गए हैं और उनका श्राद्ध का कार्यक्रम हम धूमधाम से मना रहे हैं जिसमें मैंने नाते रिश्तेदारों के अलावा ग्यारह ब्राम्हणों को भोजन कराने की सोच रखी है इसलिए आप भी जरूर आईएगा, ठीक है बेटा हम जरूर आएंगे कहकर पण्डित जी ने हामी भरी फिर प्रकाश ने फोन रखा और तैयारियों का जायजा लेने चला गया।
इधर उनकी बातें सुन रहा प्रकाश का एक बुजुर्ग रिश्तेदार अपनी पत्नी से प्रकाश की तारीफ करते हुए, देख रही हो भाग्यवान कितना नेक लड़का है अपने पिताजी के लिए इसके मन में कितना स्नेह है उनका श्राद्ध करने के लिए कितने जतन कर रहा है, ईश्वर ऐसा बेटा सभी को दे।
इस पर प्रकाश का एक पड़ोसी जो वहीं खड़ा था उसने उन्हें टोकते हुए कहा, ऐसा बेटा ईश्वर किसी को न से कहिए महोदय, जब ये छोटा था इसके मां बाप ने इसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करने में ही अपनी जिन्दगी गुजार दी और जब यह उनका सहारा बनने के काबिल हुआ तो उन्हें अपने हाल पर छोड़कर शहर में नौकरी करने चला गया फिर कभी इसके पास इतनी भी फुरसत नहीं थी कि अपने मां बाप की खोज खबर ले सके।
जब इसकी मां का देहान्त हुआ था तब हमने ही इसे फोन करके बुलाया था और अपनी व्यस्तता का हवाला देकर शोक कार्यक्रम फटाफट निपटाके यह फिर वापस शहर चला गया, अपने पिता को यहां चार दीवारों के बीच अकेला छोड़कर और इसी अकेलेपन में कुछ समय बाद वो भी चल बसे।
आज अपने पिताजी के निधन को एक बरस पूरे होने पर बड़ा श्रवण कुमार बना यहां उनका श्राद्ध मनाने आया है और दिखावा देखिए श्राद्ध को भी किसी कार्यक्रम की तरह धूमधाम से मनाने की बात कह रहा है बेशर्म, ऐसा बेटा ईश्वर किसी को न दे…..यह कहकर वो पड़ोसी दांत पिसता हुआ अपने घर में चला गया और वो बुजुर्ग भी उसे जाता हुआ देखकर ये सोचते शांत खड़े थे कि काश वो प्रकाश की तारीफ में कहे अपने शब्द वापस ले सकते।

1 Like · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तेरे होने से ही तो घर, घर है
तेरे होने से ही तो घर, घर है
Dr Archana Gupta
!............!
!............!
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
आकाश महेशपुरी
जीवन सूखे बंजर हो गए,
जीवन सूखे बंजर हो गए,
Vindhya Prakash Mishra
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Kumar Agarwal
*बदले नहीं है आज भी लड़के*
*बदले नहीं है आज भी लड़के*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेमोरियल के लिए ज़मीन।
मेमोरियल के लिए ज़मीन।
Kumar Kalhans
तुमसे बेहतर
तुमसे बेहतर
Akash RC Sharma
*खुद पर थोड़ी दया कर*
*खुद पर थोड़ी दया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुक्तक... छंद मनमोहन
मुक्तक... छंद मनमोहन
डॉ.सीमा अग्रवाल
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
sushil sarna
हरियाली के बीच मन है मगन
हरियाली के बीच मन है मगन
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुद
न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुद
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
47.....22 22 22 22 22 22
47.....22 22 22 22 22 22
sushil yadav
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
भूख
भूख
Sudhir srivastava
प्रार्थना सदा कुछ माँगने के लिए नहीं, अपितु ईश्वर ने जो कुछ
प्रार्थना सदा कुछ माँगने के लिए नहीं, अपितु ईश्वर ने जो कुछ
ललकार भारद्वाज
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
Neelofar Khan
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
पूर्वार्थ
याद करने पर याद करता है ,
याद करने पर याद करता है ,
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कराहट
मुस्कराहट
कल्पना सोनी "काव्यकल्पना"
🙅 याद रखा जाए🙅
🙅 याद रखा जाए🙅
*प्रणय प्रभात*
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
रुपेश कुमार
3502.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3502.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...