Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2023 · 2 min read

शोक संवेदना

हास्य
शोक संवेदना
——–
अभी अभी हमारी श्रीमती जी के पास
एक फोन आया,
बिना किसी भूमिका के उसने
मेरे आकस्मिक निधन पर शोक जताया।
बड़ा दु:आ हुआ सुनकर
रात सपने में देखा कि भैय्या नहीं रहे
यह जानकर बड़ा दु:आ हुआ
जैसे तैसे रात काटी,
सुबह उठते ही आपको
यही कन्फर्म करने के लिए फोन किया।
पहले तो श्रीमती जी हड़बड़ाई
फिर अपने पर उतर आईं।
जी भाई साहब अब किया भी क्या था सकता है
जाने वाले को रोका भी तो नहीं जा सकता है
फिर आना जाना तो सृष्टि का नियम है
इससे भला ऊपर कौन है?
फोन करने वाला भरे गले से बोल उठा
जी भाभी जी भैय्या बहुत अच्छे थे
बस थोड़ा कान के कच्चे थे,
बाकी तो उनके जैसा इंसान
इस धरती पर एक अजूबा जैसा था,
कब क्या करेंगे उन्हें ही खुद पता नहीं होता था।
श्रीमती जी ने हां में हां मिलाते हुए कहा
आप सही कह रहे हैं भाई साहब
कभी कहीं भी आते जाते बताकर नहीं जाते थे
कभी पूछती भी थी तो लड़कर निकल जाते थे
पर बताने की जहमत नहीं उठाते थे।
अब देखिए न जाना ही था
और वापस भी नहीं आना था,
तो कम से कम बताकर जाते
मुझे नहीं तो बेटियों को ही बता जाते
तो हम भी पड़ोसियों,नाते रिश्तेदारों को
यही बात भरोसे से बता पाते,
शिकायतें सुनने से तो बच जाते
कम से कम उनके लिए आज तो
हम चाय नाश्ता बना कर इंतजार न करते।
भगवान आपका भला करे
आपने उनके जाने की खबर दे दी
वरना दोपहर का खाना भी बनाकर बैठी रहती।
अब आप ही आ जाइए
उनके लिए बनी चाय के साथ नाश्ता भी कर जाइए,
साथ ही अपनी शोक संवेदना के साथ
उनकी अर्थी को श्मशान तक भिजवाइए
अपने शुभचिंतक होने का फ़र्ज़ तो निभाइए,
सोशल मीडिया पर यह खबर भी लगाइए
मुझे इस जहमत से छुटकारा दिलाइए,
अपने सपने की सच्चाई का प्रमाण दे जाइए।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दलदल..............
दलदल..............
sushil sarna
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
अंसार एटवी
* बचाना चाहिए *
* बचाना चाहिए *
surenderpal vaidya
"बदलता लाल रंग।"
Priya princess panwar
😊 व्यक्तिगत मत :--
😊 व्यक्तिगत मत :--
*प्रणय प्रभात*
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
2969.*पूर्णिका*
2969.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बापूजी(नानाजी)
बापूजी(नानाजी)
Kanchan Alok Malu
" ढूँढ़ो दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
........?
........?
शेखर सिंह
कठिनाइयों ने सत्य का दर्पण दिखा दिया
कठिनाइयों ने सत्य का दर्पण दिखा दिया
Dr Archana Gupta
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
P S Dhami
तिरछी गर्दन - व्यंग्य
तिरछी गर्दन - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेहनत
मेहनत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आईना
आईना
Arvina
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
"नेताओं के झूठे वादें"
राकेश चौरसिया
उदासी की यही कहानी
उदासी की यही कहानी
Suryakant Dwivedi
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
बदल रही है ज़िंदगी
बदल रही है ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
"मेरी प्यारी दादी माँ "
CA Amit Kumar
म्हारौ गांव धुम्बड़िया❤️
म्हारौ गांव धुम्बड़िया❤️
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
क्या लिखूं
क्या लिखूं
पूर्वार्थ
केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
पं अंजू पांडेय अश्रु
मानव युग
मानव युग
SURYA PRAKASH SHARMA
ज़िन्दगी  का  हिसाब ऐसा है
ज़िन्दगी का हिसाब ऐसा है
Dr fauzia Naseem shad
अयोध्याधाम
अयोध्याधाम
Sudhir srivastava
कुछ लोग
कुछ लोग
Dr.Pratibha Prakash
#नेकी ही धनवान
#नेकी ही धनवान
Radheshyam Khatik
Loading...