Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2023 · 1 min read

Xhazal

سچ کے ساتھ کھڑے ہوتے ہیں
اچھے لوگ برے ہوتے ہیں

ہاتھوں میں ہتھیار ہو جن کے
اپنے آپ ڈرے ہوتے ہیں

دھاگا ندیا عشق مروت
سب کے دوم سرے ہوتے ہیں

جھومر بالا گال کو چومے
یہ سب کون ترے ہوتے ہیں

سچ کو آنچ نہیں آتی ہے
سچ کے لوگ کھرے ہوتے ہیں

شاہ کی بات محبت والی
جل کے لوگ برے ہوتے ہیں

सच के साथ खड़े होते हैं
अच्छे लोग बुरे होते हैं

हाथों में हथियार है जिनके
अपने आप डरे हो ते हैं

धागा नदिया इश़क् मुरव्वत
सब के दोम सिरे होते हैं

झूमर बाला गाल को चूमे
ये सब कौन तिरे होते हैं

सच को आंच नहीं आती है
सच के लोग खरे होते हैं

शाह की बात मुहब्बत वाली
जल के लोग बुरे ‌ होते हैं

शहाब उद्दीन शाह क़न्नौजी

Language: Hindi
157 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Alpana Suhasini
सत्य परख
सत्य परख
Rajesh Kumar Kaurav
जमहूरियत का जश्न मनाते हैं हम सभी
जमहूरियत का जश्न मनाते हैं हम सभी
अरशद रसूल बदायूंनी
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
*प्रणय प्रभात*
बेटा बेटी है एक समान,
बेटा बेटी है एक समान,
Rituraj shivem verma
औरतें, क्यूं दलील देती हैं
औरतें, क्यूं दलील देती हैं
Shweta Soni
मत पूछो मुझसे सवाल
मत पूछो मुझसे सवाल
Acharya Shilak Ram
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
कितना धार्मिक
कितना धार्मिक
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
हम करें तो...
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक दूसरे को समझो,
एक दूसरे को समझो,
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल _ धड़कन में बसे रहते ।
ग़ज़ल _ धड़कन में बसे रहते ।
Neelofar Khan
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
श्रीकृष्ण शुक्ल
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
बहुत प्यारी है प्रकृति
बहुत प्यारी है प्रकृति
जगदीश लववंशी
उलटा वर्ण पिरामिड
उलटा वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
इबादत आपकी
इबादत आपकी
Dr fauzia Naseem shad
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"मयकश"
Dr. Kishan tandon kranti
अंतस  सूरत  आपरी, अवळूं घणीह आय।
अंतस सूरत आपरी, अवळूं घणीह आय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
फुलवारी
फुलवारी
Santosh kumar Miri
Mahakumbh
Mahakumbh
Mohan Pandey
రామయ్య మా రామయ్య
రామయ్య మా రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हमारी जुदाई मानो
हमारी जुदाई मानो
हिमांशु Kulshrestha
रिश्तों की कद्र
रिश्तों की कद्र
Sudhir srivastava
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
Monika Arora
बचपन
बचपन
Rekha khichi
*हम शाकाहारी (राधेश्यामी छंद)*
*हम शाकाहारी (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
Loading...