Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2019 · 2 min read

मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ

मैं सीमाओं पर रहूँ सजग, अपना कर्तव्य निभाता हूँ
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ, चरणों में शीश झुकाता हूँ।

है शस्य श्यामला भारत माँ, मुझको प्राणों से प्यारी है
है मुझको इस पर नाज बहुत, सारी दुनिया से न्यारी है
हिमगिरि का उन्नत भाल प्रखर, सरिता की कल कल में भी स्वर।
इसके रज कण में है चंदन, कंकर कंकर में है शंकर।
मैं भारत माँ की माटी का, मस्तक पर तिलक लगाता हूँ।
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ, चरणों में शीश झुकाता हूँ।

तुम क्या जानो किस जीवट से, सैनिक का जीवन चलता है
सीमाओं पर सैनिक प्रतिपल, जीता है, प्रतिपल मरता है
हर पल आसन्न मृत्यु सम्मुख, वो किंचित भी भयभीत नहीं
किस पल आलिंगन हो जाए, वो हर पल तत्पर रहता है
उस बलिदानी के साहस का, मैं शत् शत् वंदन करता हूँ
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ, चरणों में शीश नवाता हूँ।

सैनिक के परिजन तो घर में, आशंका में ही रहते हैं
जब जब भी घंटी बजती है, तब उनके ह्रदय धड़कते हैं
होली दीवाली आती है, बेमन से उसे मनाते हैं
इसको ही अपनी नियति मान, वो भूखे ही सो जाते हैं।
मैं सैनिक के उन परिजन के, साहस का वंदन करता हूँ।
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ, चरणों में शीश झुकाता हूँ।

तुम सैनिक को गरीब कहकर, उसका उपहास उड़ाते हो।
उस बलिदानी के साहस को, तुम नित्य लजाते जाते हो।।
जब तक सीमा पर सैनिक है, स्वच्छंद घूमते रहते हो।
तुम तो दैनिक जीवन में भी, अभिरक्षा में ही रहते हो।।
जो खुद कायर है मैं उसका, सम्मान नहीं कर पाता हूँ
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ, चरणों में शीष झुकाता हूँ।

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।

1 Like · 2 Comments · 587 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रिय गुंजन,
प्रिय गुंजन,
पूर्वार्थ
कदम जब बढ़ रहे
कदम जब बढ़ रहे
surenderpal vaidya
" जल "
Dr. Kishan tandon kranti
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
Dr Archana Gupta
हमारे दुश्मन सारे
हमारे दुश्मन सारे
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बेकरार
बेकरार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कल की तलाश में आज निकल गया
कल की तलाश में आज निकल गया
नूरफातिमा खातून नूरी
आत्महत्या
आत्महत्या
आकांक्षा राय
हटा लो नजरे तुम
हटा लो नजरे तुम
शेखर सिंह
हर जमीं का आसमां होता है।
हर जमीं का आसमां होता है।
Taj Mohammad
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
फूल चुन रही है
फूल चुन रही है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सुनो जब कोई भूल जाए सारी अच्छाइयों. तो फिर उसके साथ क्या किय
सुनो जब कोई भूल जाए सारी अच्छाइयों. तो फिर उसके साथ क्या किय
shabina. Naaz
🙅दूसरा-पहलू🙅
🙅दूसरा-पहलू🙅
*प्रणय प्रभात*
रातें जाग कर गुजरती हैं मेरी,
रातें जाग कर गुजरती हैं मेरी,
श्याम सांवरा
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
Shreedhar
माँ
माँ
अनिल मिश्र
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
*Maturation*
*Maturation*
Poonam Matia
*डांडी यात्रा* 12मार्च 1930
*डांडी यात्रा* 12मार्च 1930
Rajkumar Sharma
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
ख़ाली मन
ख़ाली मन
Kirtika Namdev
4354.*पूर्णिका*
4354.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वफादारी ज़्यादा समझदारों के बस की बात नही
वफादारी ज़्यादा समझदारों के बस की बात नही
jyoti jwala
पुराने घर की दरारें
पुराने घर की दरारें
Chitra Bisht
तुम्ही  से दिल की धड़कने सांसे ही तुम्ही से
तुम्ही से दिल की धड़कने सांसे ही तुम्ही से
कृष्णकांत गुर्जर
*इंसानियत का कत्ल*
*इंसानियत का कत्ल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
माँ का प्यार है अनमोल
माँ का प्यार है अनमोल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हमारा देश
हमारा देश
SHAMA PARVEEN
बात कोई ऐसी भी कह दो ।
बात कोई ऐसी भी कह दो ।
दीपक बवेजा सरल
Loading...