Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2023 · 1 min read

सुस्ता लीजिये थोड़ा

सुस्ता लीजिये थोड़ा,
थक गए हैं अगर,
रुक लीजिये थोड़ा,
रुक गए हैं अगर।
रुकना है अभिशाप
ये जान लें मगर।
इस हद तक दौड़
मची हुई है आज,
लगती है ज़िंदगी
काँटों भरी डगर ।
वो शुकून जिसको कहते हैं,
किसको कहाँ मिला?
निराशा हराकर आशा का
दीपक कहाँ जला?

ख्वाहिशों के कितने भी
पूरे हुए मुक़ाम,
अगली को उठ खड़ा हुआ
मन में नया मलाल।
हाथों में सब मौजूद है
पर हाथों को ही मला।
वो शुकून जिसको कहते हैं,
किसको कहाँ मिला ?
निराशा हराकर आशा का
दीपक कहाँ जला ?
वो शुकून जिसे कहते हैं,
किसको कहाँ मिला ?

(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

5 Likes · 1 Comment · 678 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
View all

You may also like these posts

प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
Seema gupta,Alwar
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
Kanchan Khanna
दोहा षष्ठ. . . .  अर्थ
दोहा षष्ठ. . . . अर्थ
Sushil Sarna
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
प्रेम
प्रेम
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
"अटूट "
Dr. Kishan tandon kranti
गुज़रते हैं
गुज़रते हैं
हिमांशु Kulshrestha
It's just you
It's just you
Chaahat
*चुप बैठे रहने से मसले, हल कभी नहीं हो पाते हैं (राधेश्यामी
*चुप बैठे रहने से मसले, हल कभी नहीं हो पाते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
सिलसिले..वक्त के भी बदल जाएंगे पहले तुम तो बदलो
सिलसिले..वक्त के भी बदल जाएंगे पहले तुम तो बदलो
पूर्वार्थ
मैं हूं ना
मैं हूं ना
Sunil Maheshwari
तुम दरिया हो पार लगाओ
तुम दरिया हो पार लगाओ
दीपक झा रुद्रा
जीवन का हिसाब
जीवन का हिसाब
Indu Singh
राम
राम
Suraj Mehra
रे मन
रे मन
Usha Gupta
हाई कोर्ट ने महिला आत्म सम्मान को बढ़ाया
हाई कोर्ट ने महिला आत्म सम्मान को बढ़ाया
अरशद रसूल बदायूंनी
इंसान
इंसान
Mansi Kadam
हिदायत
हिदायत
Dr. Rajeev Jain
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
करना है विज्ञान प्रसार
करना है विज्ञान प्रसार
Anil Kumar Mishra
मुक्तक
मुक्तक
Raj kumar
कौआ और कोयल
कौआ और कोयल
Rahul Singh
न‌ए वर्ष पर सबको प्रेषित शुभकामना न‌ई
न‌ए वर्ष पर सबको प्रेषित शुभकामना न‌ई
Dr. Sunita Singh
वाद को वाद ही रहने दें, विवाद न बनने दें…
वाद को वाद ही रहने दें, विवाद न बनने दें…
सुशील कुमार 'नवीन'
आओ बाहर, देखो बाहर
आओ बाहर, देखो बाहर
जगदीश लववंशी
आशियां
आशियां
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्यानि न मनोरथैः। न हि सुप्तस्य सिंहस
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्यानि न मनोरथैः। न हि सुप्तस्य सिंहस
ललकार भारद्वाज
हिंदी हैं हम
हिंदी हैं हम
Jyoti Roshni
वस्तुस्थिति
वस्तुस्थिति
Khajan Singh Nain
Loading...