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28 Aug 2023 · 1 min read

*अज्ञानी की कलम*

अज्ञानी की कलम
प्रज्ञान संतों को ढूंढना सहज है।
जन मानस का यराना महज है।।
गुरु चरणों में झुकना तहज है।
जीव को अपना जीवन वहज है।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
झांसी उ•प्र•

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