मुनासिब नहीं हर बात को सह जाना,
दुनिया को पता है कि हम कुंवारे हैं,
वो गुस्से वाली रात सुहानी
ज़िन्दगी अब तो कुछ करम कर दे,
मनभावन होली
Anamika Tiwari 'annpurna '
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
जो अंदर से घबराएं हुए हो वो बाहर से शारीरिक रूप से संकेत दे
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD