Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2023 · 2 min read

आपसी समझ

आपसी समझ

“हलो समधन जी, बधाई हो। एक बड़ी गुड न्यूज है ?”
“वाओ गुड न्यूज ! जल्दी बताइए।”
“हमारा प्रमोशन होने वाला है। मैं दादी और आप नानी बनने वाली हैं।”
“बधाई हो, बहुत-बहुत बधाई हो आप सबको भी। समधन जी, मैं बता नहीं सकती कि मुझे कितनी खुशी हो रही है। मैं इनको अभी बताती हूँ जल्दी ही गुड़िया को मायके लिवा लाएँ। परंपरा के मुताबिक पहली शिशु का जन्म ननिहाल में होना चाहिए न।”
“क्या समधन जी, आप भी किस दुनिया में रहती हैं। हम प्रगतिशील लोग हैं। आप खुद नौकरीपेशा हैं। आपकी बेटी यानी हमारी बहु खुद नौकरी कर रही है। आप तो जानती ही है कि हमारा घर उसके ऑफिस से वॉकिंग डिस्टेंस पर है। आपके घर से उसकी ऑफिस बहुत दूर होगी। ऐसी स्थिति में रोज-रोज उसकी ज्यादा ट्रेवलिंग ठीक नहीं होगी।”
“हाँ समधन जी। बात तो आपकी सौ टका सही है परंतु लोग…।”
“लोग… समधन जी जब समस्या आएगी, तो समाधान हमें ही करनी होगी। लोगों का क्या है ? हमें उनकी नहीं, अपने बच्चों की परवाह करनी चाहिए। गुड़िया का अभी तो तीसरा ही महीना चल रहा है। डिलीवरी में बहुत समय बचा है। आप तो ठहरीं नौकरीपेशा, बिजी रहती हैं दिनभर। मैं हाउसवाइफ हूँ, अपनी बहू की बेहतर देखभाल कर सकती हूँ। आपको जब भी फुरसत हो, सुबह-शाम आकर अपनी बेटी से मिल लिया करिए।”
“आपकी बात तो शत-प्रतिशत सच है समधन जी। वैसे भी पिछले दो-ढाई साल में वह आपसे ऐसे घुलमिल गई है मानो वर्षों की जान-पहचान हो। मुझे पूरा विश्वास है कि आप गुड़िया की मुझसे बेहतर देखभाल करेंगी।”
“ऐसा कहकर आप अपनी जिम्मेदारी से बरी नहीं हो सकतीं, मैं अभी से कहे देती हूँ। जिसकी दो-दो माँएँ हों, उसे किसी बात की चिंता नहीं होनी चाहिए।”
“बिल्कुल। आज शाम को हम दोनों आ रहे हैं आपके घर मुँह मीठा करने। मिठाई तैयार रखिएगा। फोन रखती हूँ अब। अब उन्हें ये गुडन्यूज तो दे दूँ कि उनके बुढ़ापे के दिन आ गए। हा… हा… हा…।”
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

Language: Hindi
232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
अतिथि
अतिथि
लक्ष्मी सिंह
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
4751.*पूर्णिका*
4751.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
sp42 पीठ में खंजर/ परंपरा तुलसीदास की
sp42 पीठ में खंजर/ परंपरा तुलसीदास की
Manoj Shrivastava
Top 8 quotes to conquer your dreams:
Top 8 quotes to conquer your dreams:
पूर्वार्थ
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
हाजीपुर
गोस्वामी तुलसीदास
गोस्वामी तुलसीदास
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*जाति रोग* / मुसाफिर बैठा
*जाति रोग* / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ख़ुद रंग सा है यूं मिजाज़ मेरा,
ख़ुद रंग सा है यूं मिजाज़ मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
ढूँढ़   रहे   शमशान  यहाँ,   मृतदेह    पड़ा    भरपूर  मुरारी
ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
संवेदना का सौंदर्य छटा 🙏
संवेदना का सौंदर्य छटा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विचार श्रृंखला
विचार श्रृंखला
Shyam Sundar Subramanian
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
Rambali Mishra
इसे ना का देना...
इसे ना का देना...
Manisha Wandhare
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
भीगते हैं फिर एक बार चलकर बारिश के पानी में
भीगते हैं फिर एक बार चलकर बारिश के पानी में
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ये तल्ख़ आब ए चश्म (आंसू )
ये तल्ख़ आब ए चश्म (आंसू )
पं अंजू पांडेय अश्रु
20) दिल
20) दिल
नेहा शर्मा 'नेह'
प्रश्न  शूल आहत करें,
प्रश्न शूल आहत करें,
sushil sarna
धरती
धरती
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मां की कलम से!!!
मां की कलम से!!!
Seema gupta,Alwar
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
Dr fauzia Naseem shad
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
व्याकरण कविता
व्याकरण कविता
Neelam Sharma
Loading...