Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2023 · 1 min read

बचपन

कितना सुंदर कितना प्यारा,
कितना निश्छल हैं ये बचपन ।
लाड दुलार प्रेम का सागर,
फूलों का उपवन हैं बचपन ।

डांट डपट बिन मतलब के ही
हृदय पर अंगार सी क्यों बौछार करें ।
लड़ाई झगड़ा हिंसा तुम करते
मनः स्थिति पर इनके प्रभाव पड़े ।

पढ़ाई लिखाई भी है ज़रूरी मगर
क्यों लादते जिससे बाल मन को बोझ लगे।
चारो तरफ़ यदि होगा हिंसा
मन मस्तिष्क पर कैसे शुद्ध विचार चढ़े ।

उम्र हैं जो मग्न मस्त
खुशियों की सौगात सी
शोषण से हो ग्रस्त फिर कैसे
बाल मन स्वयं का विकास करें ।

©अभिषेक पाण्डेय अभि

22 Likes · 2 Comments · 248 Views

You may also like these posts

अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
आस्था का घर
आस्था का घर
Chitra Bisht
म्हारा देवर रो है ब्याव
म्हारा देवर रो है ब्याव
gurudeenverma198
बोल उठी वेदना
बोल उठी वेदना
नूरफातिमा खातून नूरी
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
Anand Kumar
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सस्ती मोहब्बत मिलती हैं  आजकल,
सस्ती मोहब्बत मिलती हैं आजकल,
Ritesh Deo
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
धनपत राय
धनपत राय
MUSKAAN YADAV
जय जोहार
जय जोहार
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
बेटी (ग़ज़ल)
बेटी (ग़ज़ल)
Dr Archana Gupta
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़  करु।
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़ करु।
Ashwini sharma
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
M
M
*प्रणय*
कौन हूँ मैं ?
कौन हूँ मैं ?
पूनम झा 'प्रथमा'
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
आओ आओ सखी
आओ आओ सखी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
शोहरत
शोहरत
Neeraj Agarwal
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
*Treasure the Nature*
*Treasure the Nature*
Poonam Matia
इश्क लगातार तार तार है l
इश्क लगातार तार तार है l
अरविन्द व्यास
Loading...