Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

“न” कहना जरूरी है

“न” कहना जरूरी है
***************
जीवन में हां के साथ न कहना भी जरूरी है
यह समय परिस्थिति और आपकी
स्व इच्छा पर निर्भर है।
संकोच त्याग दीजिए
और न कहने की आदत नहीं है
तो ये गंभीर बीमारी है
जिसका तत्काल इलाज कीजिए,
वरना हैरान परेशान रहेंगे
और सबसे अधिक आप अपना नुकसान करेंगे।
क्योंकि जो लोग न को पसंद नहीं करते
वे आपके शुभचिंतक नहीं हो सकते
न चाहते हुए भी जो हां बोलने के लिए
खुद को विवश पाते हैं
सच मानिए वे सबसे बड़े बेवकूफ होते हैं।
हर समय हां करना जरूरी नहीं है
न कहने के लिए खुद को मजबूत बनाइए
अपना नफा नुकसान और अपनी परिस्थिति समझिए।
सामने वाला क्या कहेगा या क्या सोचेगा?
यह भूलकर भी मत सोचिए
बल्कि आप क्या कर सकते हैं?
आपके लिए महत्वपूर्ण क्या है?
सबसे पहले यह सोचिए
वरना आपकी ये आदत
आपके लिए नासूर बन जायेगी
आपको आये दिन रुलाएगी ,
हां हां कहते कहते आपकी जिंदगी
जहन्नुम बन जायेगी।
आपके जीवन की खुशी छीन ले जायेगी।
हां कहने की आपकी आदत
न पर भारी पड़ती जायेगी
आपके गले की फांस बन जायेगी।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
102 Views

You may also like these posts

2974.*पूर्णिका*
2974.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
Phool gufran
नीड़ तुम्हें भी तो चाहिए
नीड़ तुम्हें भी तो चाहिए
आशा शैली
42...Mutdaarik musamman saalim
42...Mutdaarik musamman saalim
sushil yadav
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
यह कैसे रिश्ते ?
यह कैसे रिश्ते ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कवि रमेशराज
रखी हुई है अनमोल निशानी, इक सुन्दर दुनिया की,
रखी हुई है अनमोल निशानी, इक सुन्दर दुनिया की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम..
तुम..
हिमांशु Kulshrestha
*लज्जा*
*लज्जा*
sudhir kumar
यह दुनिया
यह दुनिया
राकेश पाठक कठारा
गणपति महाराज
गणपति महाराज
Neha
मानवीय मूल्य
मानवीय मूल्य
Nitin Kulkarni
मुक्तक –  अंत ही आरंभ है
मुक्तक – अंत ही आरंभ है
Sonam Puneet Dubey
श्राद्ध
श्राद्ध
Dr Archana Gupta
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
I've washed my hands of you
I've washed my hands of you
पूर्वार्थ
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
"Awakening by the Seashore"
Manisha Manjari
मैं मजहबी नहीं
मैं मजहबी नहीं
VINOD CHAUHAN
इश्क के कई जहाजों सहित.. डूब के किनारे पर आए हैं हम...!!
इश्क के कई जहाजों सहित.. डूब के किनारे पर आए हैं हम...!!
Ravi Betulwala
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अभिमान
अभिमान
Sudhir srivastava
आल्ह छंद
आल्ह छंद
Godambari Negi
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
प्रेमिका
प्रेमिका "श्रद्धा" जैसी प्रेरणा होनी चाहिए, जो ख़ुद का भी कैर
*प्रणय*
मुमकिन नहीं.....
मुमकिन नहीं.....
पं अंजू पांडेय अश्रु
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"सहेज सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...