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15 Jun 2023 · 1 min read

बस ऐसी अमर कहानी हो!

बचपन में सीखा जीवन इंसानियत की निशानी हो
लिखो कहानी जो बस ऐसी अमर कहानी हो ।

न खोना भोलापन कभी,जब आए यौवन का पहर
बन मीरा पीना प्रेम अमृत भले जीवन-प्यालों में जहर।

लिखना पवित्र रामायण,लिखना पवित्र गीता
लिखना त्याग गाथा,बनके पवित्र सीता ।

गया बालपन आया यौवन पहर,बचपन के सबक बने जहर
भोलापन है पागलपन अब, हो रहा अब हर सीख पर कहर ।

शिक्षा ने कुछ सिखाया और जीवन कुछ और ही सीखा रहा है
जीवन मूल्यों को बस किताबी ही दिखा रहा है।

न आए दुनियादारी
कोई झूठा ख्याल लाऊंममगी
दिल के उजले आसमान पर न कोई दागी बादल पाऊंगी ।

अंतर्मन खुशी ऐसी जैसे निर्दोष बालक की मनमानी हो
जैसे किसी रमते जोगी की बस अपनी ही रवानी हो
अ दिल लिख ऐसी बस ऐसी अमर कहानी हो!
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक

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