महाकुंभ
महाकुंभ है अमृत उत्सव,
संगम में डुबकी लगाओ ।
धोकर तन के मैल को,
तनिक अपना मन भी उजियाओ ।
महापर्व की गरिमा गाओ ,
भक्ति भावना से सब आओ ।
यहां आकर न रील बनाओ,
रील से निकल रियल बन जाओ ।
महाकुंभ है अमृत उत्सव,
संगम में डुबकी लगाओ ।
धोकर तन के मैल को,
तनिक अपना मन भी उजियाओ ।
महापर्व की गरिमा गाओ ,
भक्ति भावना से सब आओ ।
यहां आकर न रील बनाओ,
रील से निकल रियल बन जाओ ।