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15 Jun 2023 · 1 min read

आवाज़ ना हो जिस घर में

आवाज़ ना हो जिस घर में कोई
जरूर वहां गम का मातम होगा
चौखट पर दिए के रखने से कभी
पूरा घर रौशन हो नहीं सकता।

कुछ दिल अंदर से इतने टूटे हैं
की पूरी दुनिया से ही वो रूठे हैं
वो हो गए बेपरवाह इसलिए कि
उन्हें और लुटा जा नहीं सकता।

वो जानते हैं तन्हाई की कीमत
जो हर पल महफ़िल के होते थे
मन में किसके कौन है कितना
सागर को नापा जा नहीं सकता।

सुबह जो इंसानों से मिलता है
सांझ होने के बाद कतराता है
रात में भूले चांद अगर देख ले
उससे फिर सोया जा नहीं सकता।

Language: Hindi
284 Views

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