प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हमारी मूल भाषा है, हमें पढ़ना सिखाती है,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
प्रीति निभाना
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
मन की विचलन मन ही जाने, और भला किसको कहता हूं।
सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डर हक़ीक़त में कुछ नहीं होता ।
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
I don't dream about having the perfect life.
*जाने कब अब उन से कुर्बत होगी*
“छोटा उस्ताद ” ( सैनिक संस्मरण )
“Progress isn't always fast, but it's always worth it.”
क्या कहें ये गलत है या यारो सही।
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
सफलता तीन चीजे मांगती है :