Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

मेरा प्यारा भारत

विश्व में जिसकी धाक जमी है

वो है मेरा प्यारा भारत!

जन-जन की आँखों का तारा

सारे जग से न्यारा भारत।

आयी हैं जब-जब विपदाएँ

तो साहस से लडा़ है भारत!

शत्रु से लोहा लेने को

सीना ताने खडा़ है भारत!

विश्वगुरु बन सब देशों को

रास्ता है दिखाता भारत!

हर संकट में साथ खडा़ हो,

मानवता को निभाता भारत।

गंगा, यमुना, विंध्य, हिमालय

रम्य प्रकृति से शोभित भारत!

भाँति-भाँति के पुष्पों की

सौरभ से है सुरभित भारत!

अपने लक्ष्य को निर्धारित कर

बिना रुके नित चलता भारत!

आएँ कितनी भी बाधाएँ

नित आगे ही बढ़ता भारत!

हम एक हैं, एक रहेंगे

यह सबको बतलाता भारत!

प्रेम, सौहार्द, भाईचारे से

रहना सदा सिखाता भारत!

हर भारतवासी के दिल में

गहराई से बसता भारत!

जन-जन की है यह अभिलाषा

हर पल रहे सँवरता भारत!।

1 Like · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जीवन में रहता नहीं,जिसके जोश उमंग
जीवन में रहता नहीं,जिसके जोश उमंग
RAMESH SHARMA
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
कथित परिवारवाद-विरोधी पार्टी अब अपने पुछल्ले की हारी हुई बीव
कथित परिवारवाद-विरोधी पार्टी अब अपने पुछल्ले की हारी हुई बीव
*प्रणय प्रभात*
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
विकास
विकास
Khajan Singh Nain
कितना सुकून देता है कभी कभी,
कितना सुकून देता है कभी कभी,
पूर्वार्थ देव
I remember you in my wildest dreams
I remember you in my wildest dreams
Chaahat
यथा नाम तथा न गुणा
यथा नाम तथा न गुणा
अमित कुमार
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
gurudeenverma198
*आदमी में जानवर में, फर्क होना चाहिए (हिंदी गजल)*
*आदमी में जानवर में, फर्क होना चाहिए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
Phool gufran
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
उस रात रंगीन सितारों ने घेर लिया था मुझे,
उस रात रंगीन सितारों ने घेर लिया था मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिळमिळ रहणौ
रिळमिळ रहणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
'प्रभात वर्णन'
'प्रभात वर्णन'
Godambari Negi
“It is not for nothing that our age cries out for the redeem
“It is not for nothing that our age cries out for the redeem
पूर्वार्थ
पिता:(प्रदीप छंद)
पिता:(प्रदीप छंद)
Ashok Sharma
निकट है आगमन बेला
निकट है आगमन बेला
डॉ.सीमा अग्रवाल
नर्गिस
नर्गिस
आशा शैली
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mamta Rani
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
प्रेयसी के उभरे हुये उरोज बस बंजर पहाड़ समान हैं
प्रेयसी के उभरे हुये उरोज बस बंजर पहाड़ समान हैं
Acharya Shilak Ram
Loading...