Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2023 · 1 min read

कैसे?

अब मुझे बातों ही बातों में फंसाओगे कैसे?
मेरे बाद तुम मुझसा दुश्मन लाओगे कैसे?
अपनी चालबाजियों से मुझको रिझाओगे कैसे?
मेरे ही बनाए खेल में भला मुझे हराओगे कैसे?

अपना सुंदर सा चेहरा अब दिखाओगे कैसे?
सबके सामने मुझसे नज़रें मिलाओगे कैसे?
अभी बाकी है मुझमें हिम्मत बहुत, तो सोच लो!
मेरे जूनून की उलफत से खुद को बचाओगे कैसे?

मेरे अंदर है जो आग उसको बुझाओगे कैसे?
मेरे ही बनाए खेल में भला मुझे हराओगे कैसे?
मैं वो सितारा नहीं जो टूट कर बिखर जाए,
मेरे एक जर्रे का भी हौसला तोड़ पाओगे कैसे?

© अभिषेक पाण्डेय अभि

30 Likes · 1 Comment · 395 Views

You may also like these posts

मेरे भाव मेरे भगवन
मेरे भाव मेरे भगवन
Dr.sima
3678.💐 *पूर्णिका* 💐
3678.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
अंसार एटवी
असली जीत
असली जीत
पूर्वार्थ
माँ - बेटी
माँ - बेटी
Savitri Dhayal
माँ
माँ
SHAMA PARVEEN
अंतिम चेतावनी
अंतिम चेतावनी
Jalaj Dwivedi
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
"बदलते रसरंग"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कहने को खामोश थी,
कहने को खामोश थी,
sushil sarna
सब्र या धैर्य,
सब्र या धैर्य,
नेताम आर सी
हमेशा एक स्त्री उम्र से नहीं
हमेशा एक स्त्री उम्र से नहीं
शेखर सिंह
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
manjula chauhan
प्रदीप छंद
प्रदीप छंद
Seema Garg
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
Shweta Soni
तेवरी और ग़ज़ल, अलग-अलग नहीं +कैलाश पचौरी
तेवरी और ग़ज़ल, अलग-अलग नहीं +कैलाश पचौरी
कवि रमेशराज
रोशनी
रोशनी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
Kshma Urmila
दोहे
दोहे
seema sharma
भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
★Good Night★
★Good Night★
*प्रणय*
नारी टीवी में दिखी, हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
नारी टीवी में दिखी, हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नई खिड़की
नई खिड़की
Saraswati Bajpai
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा भारत महान
मेरा भारत महान
Sudhir srivastava
सनातन की रक्षा
सनातन की रक्षा
Mahesh Ojha
Loading...