Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

*नृत्य करोगे तन्मय होकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे 【हिंदी गजल/ग

नृत्य करोगे तन्मय होकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे 【हिंदी गजल/गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
नृत्य करोगे तन्मय होकर ,तो भी प्रभु मिल जाएँगे
ध्यान लगाओगे सुधि खोकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(2)
अगर करोगे हठ नचिकेता-जैसा यम के दरवाजे
पीछे पड़ो हाथ को धोकर ,तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(3)
मंदिर में श्रंगार करोगे, प्रभु जी का मालाओं से
अर्पण करो फूल पो-पोकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(4)
राम-नाम के संकीर्तन में, बल सचमुच ही भारी है
भक्ति करोगे अश्रु पिरोकर ,तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(5)
कार्य कुशलता से करने से, भी मंजिल मिल जाती है
खेती करो बीज बो-बोकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

467 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

थोड़ा थोड़ा
थोड़ा थोड़ा
Satish Srijan
नया वर्ष मुबारक हो
नया वर्ष मुबारक हो
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रानी दुर्गावती (रोला छंद)
रानी दुर्गावती (रोला छंद)
guru saxena
बीजः एक असीम संभावना...
बीजः एक असीम संभावना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"दास्तां ज़िंदगी की"
ओसमणी साहू 'ओश'
"लौटा दो मेरे दिल की क़िताब को यूँहीं बिना पढ़े"
Mamta Gupta
धर्मरोष
धर्मरोष
PANKAJ KUMAR TOMAR
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
दीपक झा रुद्रा
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
बोलता इतिहास 🙏
बोलता इतिहास 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
It's not about just a book...!!
It's not about just a book...!!
पूर्वार्थ
2637.पूर्णिका
2637.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
देखिए आप आप सा हूँ मैं
देखिए आप आप सा हूँ मैं
Anis Shah
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
Neelofar Khan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jai Prakash Srivastav
ज़माने की नजर से।
ज़माने की नजर से।
Taj Mohammad
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
आंगन
आंगन
श्याम सांवरा
*रावण आया सिया चुराने (कुछ चौपाइयॉं)*
*रावण आया सिया चुराने (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
Dr. Vaishali Verma
बगुलों को भी मिल रहा,
बगुलों को भी मिल रहा,
sushil sarna
मां
मां
Uttirna Dhar
संसार मेरे सपनों का
संसार मेरे सपनों का
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विषय-मन मेरा बावरा।
विषय-मन मेरा बावरा।
Priya princess panwar
मर्यादित आचरण व बड़ों का सम्मान सही है,
मर्यादित आचरण व बड़ों का सम्मान सही है,
Ajit Kumar "Karn"
शृंगार छंद और विधाएँ
शृंगार छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
बहुत प्यार करती है वो सबसे
बहुत प्यार करती है वो सबसे
Surinder blackpen
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...