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14 Dec 2024 · 1 min read

It’s not about just a book…!!

It’s not about just a book…!!

तू पृष्ठ-पृष्ठ से खेल रही , मैं पृष्ठों से
तू व्यर्थ-अर्थ में उलझ रही , मेरी चुप्पी उत्तर मांगे
तू ढाल बनाती पुस्तक को , मैं अपने मन से लड़ता हूं
तू पढ़ती हैं मेरी पुस्तक , मैं तेरा मुखड़ा पढ़ता हूं

तू छंदों के द्वारा जाने , मेरी उमंग के रंग-ढंग
मैं तेरी आंखों से देखूं , अपने भविष्य का रूप-रंग
तू मन-मन मैं मुझे बुलाती है , मैं नयना-नयना मुड़ता हूं
तू पढ़ती हैं मेरी पुस्तक , मैं तेरा मुखड़ा पढ़ता हूं

मेरी कविता के दर्पण में , जो कुछ है तेरी परछाई
कोने में मेरा नाम छपा , तू सारी पुस्तक में छाई
देवता समझती तू मुझको , मैं तेरे पैयाँ पड़ता हूं
तू पढ़ती हैं मेरी पुस्तक , मैं तेरा मुखड़ा पढ़ता हूं
✨💭💯

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