भुजंगप्रयात छंद विधान सउदाहरण मापनी 122 (यगण)
चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
इश्क़ में ज़हर की ज़रूरत नहीं है बे यारा,
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।