Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 1 min read

4- हिन्दी दोहा बिषय- बालक

हिंदी दोहा -बिषय- बालक

1
#राना बालक जब रहा ,
सदा रहा निष्काम |
अब जीवन में ख्वायशें ,
लूट रहीं आराम ||
***
2
#राना बालक जब रहा ,
अद्भुत रही उमंग |
अब जीवन की दौड़ में ,
मजबूरी के रंग ||
***
3
#राना बालक जब रहा ,
आया नहीं मलाल |
अब ख्यालों में पालता ,
बेमतलब जंजाल ||
***
4
#राना बालक जब रहा ,
हँसता बनकर फूल |
आज बना काँटा स्वयं ,
ताने रखे त्रिशूल ||
***
5
#राना बालक जब रहा ,
डर से था मैं दूर |
डर तो अब दर पर रहे ,
रहता हूँ मजबूर ||
***

-राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

2 Likes · 320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
24/226. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/226. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख़्वाब ....
ख़्वाब ....
sushil sarna
"चाँद का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
हे सूरज देवा
हे सूरज देवा
Pratibha Pandey
तेरी आँखों में जो चमक है, वो किसी खजाने से कम नहीं,
तेरी आँखों में जो चमक है, वो किसी खजाने से कम नहीं,
srikanth dusija
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत.......
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत.......
Rituraj shivem verma
*नेता बेचारा फॅंसा, कभी जेल है बेल (कुंडलिया)*
*नेता बेचारा फॅंसा, कभी जेल है बेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कब किसी बात का अर्थ कोई,
कब किसी बात का अर्थ कोई,
Ajit Kumar "Karn"
जाके हॄदय में राम बसे
जाके हॄदय में राम बसे
Kavita Chouhan
चन्द्रिका
चन्द्रिका
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Sahityapedia
Sahityapedia
Poonam Sharma
तुम्हारी याद..!
तुम्हारी याद..!
Priya Maithil
शीर्षक - स्वप्न
शीर्षक - स्वप्न
Neeraj Kumar Agarwal
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
Dushyant Kumar Patel
फलक  पे   देखो  रौशनी  है
फलक पे देखो रौशनी है
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
World tobacco prohibition day
World tobacco prohibition day
Tushar Jagawat
My luck is like sand
My luck is like sand
VINOD CHAUHAN
निर्मोही से लगाव का
निर्मोही से लगाव का
Chitra Bisht
कविता
कविता
Rambali Mishra
सत्य का दीप सदा जलता है
सत्य का दीप सदा जलता है
पं अंजू पांडेय अश्रु
गीत भी तुम साज़ भी तुम
गीत भी तुम साज़ भी तुम
सुशील भारती
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
🙅फ़ॉलोअर्स🙅
🙅फ़ॉलोअर्स🙅
*प्रणय प्रभात*
मर्दों की आँखो में ठहरे मैखाने को
मर्दों की आँखो में ठहरे मैखाने को
पूर्वार्थ
హాస్య కవిత
హాస్య కవిత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
"सवने देखे अपने राम "
Basant kachhi
शब्दों में भावों को भरकर अपने मन की बात लिखे,
शब्दों में भावों को भरकर अपने मन की बात लिखे,
jyoti jwala
Loading...