Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2023 · 1 min read

कोमल चितवन

चंचलता से आच्छादित वह जीवन
रंग बिरंगे फूलों सा कोमल चितवन।

खिलखिलाता कोमल सा मुखड़ा
सुंदर और मासूम सा चेहरा
कोमल पौध टहनी से कर
और पत्ति से नाजुक करतल
प्रफुल्लता से परिपूर्ण हृदय स्थल
मस्ती से उछल कूदता बचपन।

चंचलता से आच्छादित वह जीवन
रंग बिरंगे फूलों सा कोमल चितवन।

ऊँच-नीच का ज्ञान ना रखता
ना छूने से किसी को डरता
अपनी सुंदर प्यारी चेस्टा से
सभी को समान खुशियाँ देता
सबका मन बहलाता रहता
बिना भेदभाव वह उपवन।

चंचलता से आच्छादित वह जीवन
रंग बिरंगे फूलों सा कोमल चितवन।

क्या करना है पता नहीं बस
जहाँ रमता है वही रम जाता
कहाँ जाना है पता नहीं बस
जो मन भाता वहीं दौड़ जाता
पल पल लक्ष्य बदलता रहता
धूम मचाता वह बचपन।

चंचलता से आच्छादित वह जीवन
रंग बिरंगे फूलों सा कोमल चितवन।

खेल- खेल में रुठना मानना
कभी उछल जाता खुशी भर
हवा-सी फुर्ती ले आता जाता
कभी यहाँ तो कभी वहाँ पर
सहस्त्र खग – सा क्रंदन कर
चहकता रहता वह उपवन।

चंचलता से आच्छादित वह जीवन
रंग बिरंगे फूलों सा कोमल चितवन।

न अतीत की कोई यादें है
न भविष्य की कोई चिंता है
न कर्म का कोई भार है
न अकर्म का कोई वार है
अपनी बाल लीलाओं से
सबको हर्षाता वह बचपन।

चंचलता से आच्छादित वह जीवन
रंग बिरंगे फूलों सा कोमल चितवन।

-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’

Language: Hindi
269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

रचो
रचो
Rambali Mishra
बीमार क़ौम
बीमार क़ौम
Shekhar Chandra Mitra
*कहांँ गए वो पुराने खेल*
*कहांँ गए वो पुराने खेल*
Dushyant Kumar
गणेश वंदना (धत्तानंद छंद )
गणेश वंदना (धत्तानंद छंद )
guru saxena
जीवन समर है
जीवन समर है
आशा शैली
गीत
गीत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
दुसरा वनवास चाहिए मुझे
दुसरा वनवास चाहिए मुझे
Harinarayan Tanha
****वो जीवन मिले****
****वो जीवन मिले****
Kavita Chouhan
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
Ankita Patel
मानव के बस में नहीं, पतझड़  या  मधुमास ।
मानव के बस में नहीं, पतझड़ या मधुमास ।
sushil sarna
या तो स्वयं के हाथ से श्मशान कर दो।
या तो स्वयं के हाथ से श्मशान कर दो।
दीपक झा रुद्रा
नित्य ईश की सत्ता है
नित्य ईश की सत्ता है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नारियों के लिए जगह
नारियों के लिए जगह
Dr. Kishan tandon kranti
हरजाई खुशी
हरजाई खुशी
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
ख़ैर कुछ और दिन लगेंगे तुमसे कुछ कहने को,
ख़ैर कुछ और दिन लगेंगे तुमसे कुछ कहने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक रुबाई...
एक रुबाई...
आर.एस. 'प्रीतम'
क्या कहें
क्या कहें
Dr fauzia Naseem shad
सत्य की विजय हुई,
सत्य की विजय हुई,
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
ଶତ୍ରୁ
ଶତ୍ରୁ
Otteri Selvakumar
झूठ बिकता रहा बाजार में ।
झूठ बिकता रहा बाजार में ।
विवेक दुबे "निश्चल"
शब्द
शब्द
Mamta Rani
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
Lokesh Sharma
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
Shweta Soni
श
Vipin Jain
मां
मां
Phool gufran
अनसुलझे सवाल
अनसुलझे सवाल
आर एस आघात
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
Abhishek Soni
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
Taj Mohammad
Loading...