अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
नया साल
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
वो कच्ची उम्र के प्यार भी हैं तीर भी, तलवार भी
*परसों बचपन कल यौवन था, आज बुढ़ापा छाया (हिंदी गजल)*
गीत- ये विद्यालय हमारा है...
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है....
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
"घमंड के प्रतीक पुतले के जलने की सार्थकता तब तक नहीं, जब तक
*******मिल जाएगी मंज़िल राही*******
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
बाण माताजी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया