Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2023 · 1 min read

रस्म

रस्मों को रिश्ते की तरह निभाओगे तो रस निकलेगा!
पर रस्मों को रेशम की तरह निभाओगे तो तरस निकलेगा!!
———————-०००———————
शायर : जय लगन कुमार हैप्पी

Language: Hindi
211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जय लगन कुमार हैप्पी
View all

You may also like these posts

दुःख  से
दुःख से
Shweta Soni
**देखी  सारी  दुनिया जग  में  कोई ऐसा पाया जा**
**देखी सारी दुनिया जग में कोई ऐसा पाया जा**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम...
तुम...
Vivek Pandey
यह जो पका पकाया खाते हैं ना ।
यह जो पका पकाया खाते हैं ना ।
SATPAL CHAUHAN
सोशल मीडिया बड़ी बीमारी रचनाकार अरविंद भारद्वाज
सोशल मीडिया बड़ी बीमारी रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
पत्रिका प्रभु श्री राम की
पत्रिका प्रभु श्री राम की
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुश्किल है जीवन का सफर
मुश्किल है जीवन का सफर
Chitra Bisht
जब मैं लिखता हूँ
जब मैं लिखता हूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रुतबा
रुतबा
अखिलेश 'अखिल'
"संयम की रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
खुद की तलाश में।
खुद की तलाश में।
Taj Mohammad
याद हम बनके
याद हम बनके
Dr fauzia Naseem shad
"Looking up at the stars, I know quite well
पूर्वार्थ
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
Dushyant Kumar
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
पिछले पन्ने 10
पिछले पन्ने 10
Paras Nath Jha
३ बंदर(३ का पहाड़ा)
३ बंदर(३ का पहाड़ा)
Dr. Vaishali Verma
..
..
*प्रणय प्रभात*
*वसुधैव समन्वयक गॉंधी*
*वसुधैव समन्वयक गॉंधी*
Ravi Prakash
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
gurudeenverma198
नवरात्रि
नवरात्रि
surenderpal vaidya
सच का सिपाही
सच का सिपाही
Sanjay ' शून्य'
अल्फ़ाज़ बदल गये है अंदाज बदल गये ।
अल्फ़ाज़ बदल गये है अंदाज बदल गये ।
Phool gufran
3192.*पूर्णिका*
3192.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधूरे अफ़साने :
अधूरे अफ़साने :
sushil sarna
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
कण कण में प्रभु
कण कण में प्रभु
Sudhir srivastava
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
Ravikesh Jha
Loading...