सोशल मीडिया बड़ी बीमारी रचनाकार अरविंद भारद्वाज

सोशल मीडिया बड़ी बीमारी
फोन लेते ही लड़के ने, सोशल मीडिया चलाया
पहले अपनी फोटो बदलू, यही विचार था आया
बहुत सी फोटो ढूंढी उसने,समझ नही वह पाया
सोच नहीं पा रहा था कुछ भी, पागलपन था छाया
हैरान परेशान होकर उसको, गूगल का ध्यान आया
खोलते ही बंदूकधारी का फोटो, पसंद उसे फिर आया
हाथ में थी बंदूक उसके, फिल्मी अंदाज था पाया
दर्जनों फोटो ने से यही फोटो, उसके मन को भाया
सुंदरता की चाहत लेकर, फोटो खूब सजाया
कमी लगी थोड़ी सी उसमें, टैग सभी को लगाया
मार दूँगा काट दूँगा, लिखकर उसे सजाया
अपलोड किया जैसे ही उसने , मैसेज उस पर पाया
चाहत तुमसे मिलने की है, उसने यही बताया
सोच रहा हूँ मिलने में पल भी,समय न करूँ जाया
नौजवान तुम सुंदर दिखते, बंदूक है तुमने उठाया
मिलकर इच्छा पूरी कर दो, तड़प रही मेरी काया
गाड़ी दौलत साथ में तुमने, धन भी बहुत है कमाया
सोशल मीडिया पर आज, तुम्हारा ही नाम है छाया
पता भेज दो जल्दी से तुम, आलाप भी उसने गाया
भगवान ने देखो कितना सुंदर, जग में तुमको बनाया
लड़की समझा था जिसको,पुलिस वाला वह पाया
गुंडागर्दी करते हो दिनभर, उसने मुझे सुनाया
खींच खींच कर डंडे मारे, मुझको बहुत सताया
कान पकड़कर माफी मांगी, पीछा अपना छुड़ाया
उस दिन मेरे मन में फिर से, एक ख्याल था आया
चश्मा पहन कर घूमें जिसको, समझ नहीं यह आया
अरविंद ने भी अपनी कलम से, आज यही बतलाया
सोशल मीडिया बड़ी बीमारी, सबको यही समझाया
@ अरविंद भारद्वाज