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18 Oct 2022 · 1 min read

कविता — युद्ध और बलात्कार

सैनिक सीधे मरे
या बच्चे मरे भूखे,
सबसे दुखद भयानक
महिलाओं की लूटे।

मंचों से प्रकाशित
संदेश सभी हैं झूठे,
शांति संस्थाओं के हाथों
ही ज्यादा बम फूटे।

फर्क नहीं पड़ता इनको
चाहे अपराधी छूटे,
मानव की बर्बरता से
चाहे मानवता रूठे।

राजाओं की रंजिश है
कई पुरानी बूटे,
जनता को पीनी पड़ती है
सदा जहर की घूटें।

— पुखराज तेली 🥀

मोर than 1lakh women are raped in Ukraine during #UkraineRussiaWar

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