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12 Sep 2024 · 1 min read

*आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)*

आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग
गरम पकौड़े संग हों, कर दें सबको दंग
कर दें सबको दंग, हरी धनिए की चटनी
खाओ जमकर बंधु, प्लेट कब जल्दी हटनी
कहते रवि कविराय, स्वाद ने धूम मचाई
दिन में लगती रात, सुहानी बारिश आई

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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