Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Suryakant Dwivedi
48 Followers
Follow
Report this post
28 May 2022 · 1 min read
दोहा
मन मंदिर के सामने, खुद ही हम करतार।
मगर जानते ही नहीं,क्या अपना किरदार।।
सूर्यकांत द्विवेदी
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
252 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Suryakant Dwivedi
View all
सूर्यांश
Surya Kant Dwivedi
You may also like these posts
জয় শিব শঙ্কর (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
दिल का हाल
Ram Krishan Rastogi
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
जिंदगी तू मुझसे रूठकर किधर जायेगी
Jyoti Roshni
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रतजगा
ओनिका सेतिया 'अनु '
कामवासना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
तुम ही तो हो
Ashish Kumar
मेरे हमराज
ललकार भारद्वाज
ग़ज़ल
Shally Vij
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
हाजीपुर
वक़्त की पहचान🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
शायरी
Rambali Mishra
तुम नहीं आए...
Meera Thakur
30 वाॅ राज्य
उमा झा
■ ग़ज़ल (वीक एंड स्पेशल) -
*प्रणय*
विश्वास
sushil sarna
*जो जीता वही सिकंदर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रोते हुए को हॅंसाया जाय
Mahetaru madhukar
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सांझ की वेला
Kanchan verma
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ञ'पर क्या लिखूं
Satish Srijan
" देख "
Dr. Kishan tandon kranti
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
★किसान ए हिंदुस्तान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
Dr Manju Saini
शून्य से अनंत
The_dk_poetry
ये सोच कर ही पुरुषों ने पूरी उम्र गुजार दी
पूर्वार्थ
Loading...