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18 Apr 2022 · 1 min read

पिता आदर्श नायक हमारे

पिता तुम्हारे जीवन की सुनी है कहानी,
तभी तो आदर्श नायक हो हमारे ,

बचपन में ऊँगली पकड़ कर चलना है सिखाया,
संस्कार देकर जीवन जीना भी है बताया,

रूखी-सूखी जो जुड़ी पहले मुझको है खिलाया,
जब भी रोया तनिक भी तुमने झट से है मनाया ,

दुःख आने पर तुमने सिर पर रख दिया अपना हाथ,
आशीर्वाद तुम्हारा एक सहारा है जीवन में मेरे साथ,

ख्वाहिशें हर कदम की पूरी की है तुमने,
मसीहा हो तुम मेरे सदा हित के लिए जले हो,

जब भी पड़ी मुसीबत संघर्ष करने की राह दी है,
मेरी एक मुस्कान के लिए पीड़ा तुम सहे हो ,

गलती करने पर तन से कठोर तुम बने हो,
एहसास जब जगा मार्मिक ह्रदय है पाया तुझमें ,

रंग-रूप जैसा भी हो पिता तुम मेरे प्राण हो,
नायक हो जीवन के मेरे करता हूँ सम्मान सदैव ।

नाम – बुद्ध प्रकाश,
शहर – मौदहा हमीरपुर (उ०प्र०)

15 Likes · 20 Comments · 677 Views
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