Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2022 · 1 min read

मात्र प्रेम क्योकि असली और नकली कुछ नहीं होता है।

दो ही तरह के डर होते है एक मन का दूसरा तन का।
तभी हम बोलने से कतराते है कि कही तन को चोट न लग जाये अथवा मन यानी अहम को चोट न लग जाये। पर लगती है तो सौ दार लग जाये क्योकि जो चोट से टूटेगा वह नकली ही होगा। फिर असली सामने आएगा। जो कीमती है वास्तविक है वाकि सब झूठ ही है। जिसे तो टूटना ही चाहिए बस शर्त मात्र इतनी है जोखम कौन उठाये चोट करने का क्योकि वही डर तो दूसरी तरफ भी है तो फिर विरले होते है कुछ लोग जो खुदको निर्भीक कर दूसरे को भी वही सच दिखा पाते है। वही प्रेम जानो। जो सामने वाले के साथ खुदको भी ऊंचा उठाने मे मदद करे।

Language: Hindi
Tag: लेख
279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" REMINISCENCES OF A RED-LETTER DAY "
DrLakshman Jha Parimal
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
"दिल दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दे, जो गम की घड़ी भी खुशी स
Harminder Kaur
कर (टैक्स) की अभिलाषा
कर (टैक्स) की अभिलाषा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बस तेरे होने से ही मुझमें नूर है,
बस तेरे होने से ही मुझमें नूर है,
Kanchan Alok Malu
मंजर
मंजर
Divya Trivedi
गजल
गजल
नूरफातिमा खातून नूरी
देश की वसुंधरा पुकारती
देश की वसुंधरा पुकारती
कार्तिक नितिन शर्मा
सताएं  लाख  परेशानियां क्यों न जीवन के सफर में,
सताएं लाख परेशानियां क्यों न जीवन के सफर में,
Madhu Gupta "अपराजिता"
এটা আনন্দ
এটা আনন্দ
Otteri Selvakumar
उकसा रहे हो
उकसा रहे हो
विनोद सिल्ला
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
Annu Gurjar
*आदर्श युवा की पहचान*
*आदर्श युवा की पहचान*
Dushyant Kumar
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
Neelofar Khan
राम हैं क्या ?
राम हैं क्या ?
ललकार भारद्वाज
नारी शक्ति 2.0
नारी शक्ति 2.0
Abhishek Soni
प्रेम वो नहीं
प्रेम वो नहीं
हिमांशु Kulshrestha
..
..
*प्रणय प्रभात*
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विश्वासघात से आघात,
विश्वासघात से आघात,
लक्ष्मी सिंह
"We are a generation where alcohol is turned into cold drink
पूर्वार्थ
*कवि बनूँ या रहूँ गवैया*
*कवि बनूँ या रहूँ गवैया*
Mukta Rashmi
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
शेखर सिंह
वसंत आगमन
वसंत आगमन
SURYA PRAKASH SHARMA
*
*"अवध के राम"*
Shashi kala vyas
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
Basant Bhagawan Roy
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
गीत पिरोते जाते हैं
गीत पिरोते जाते हैं
दीपक झा रुद्रा
तुम बदल जाओगी।
तुम बदल जाओगी।
Rj Anand Prajapati
Loading...