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27 Sep 2021 · 1 min read

प्रवाहिता मन्दाकिनी

सुख-दु:ख रूपम वाहिनी
प्रदानम् महामोक्ष मम
प्रवाहिता मन्दाकिनी
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*तीन पंक्तियों में रचा जनक छन्द। सबसे सहज प्रवाह के लिए जाना जाता है। यह दोहे के प्रथम चरण (13 मात्राओं) के तीन सममात्रिक चरणों का छंद है। 11वीं मात्रा अनिवार्य रूप से तीनों चरणों में लघु रहेगी।

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