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5 Oct 2021 · 1 min read

जामैं मानुष प्रेम भरा—–

जामैं मानुष प्रेम भरा, साँच धरम कहिऐ ताहि।
ईंट-ईंट को जोड़ि कै, दियो सुन्दर गेह बनाई।।

Language: Hindi
2 Likes · 211 Views

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