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8 Jan 2021 · 1 min read

देख सखी मधुमास आया

देख सखी मधुमास आया
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रूप अनूप भू ने पाया
देख सखी मधुमास आया ।
बैठ डाली पर जब गाया
गीत कोयल का वो भाया ।।

खेत सरसों से लहराया
ओढ़ पीत चुनर इतराया ।
खिले सुमन जगत मुस्काया
लिये महक चमन महकाया ।।

दिखा धूप नगर चमकाया
जीत ठंडक ध्वज फहराया ,
धरा पर फिर यौवन छाया
निरख गगन प्रेम मन लाया ।

डॉ. रीता सिंह
चन्दौसी (सम्भल)

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