Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

ढाक के तीन पात मैं नहीं लिखता
दिल के खयालात मैं नहीं लिखता ।
आँखो से उतर आती है कागज़ पे
सपनों की सौगात मैं नहीं लिखता ।
न आंखे झील सी हैं न चेहरा कंवल
हुस्न के हालात मैं नहीं लिखता ।
बेवफाई,जुदाई हरज़ाइ या गमेइश्क़
घिसे-पिटे ज़ज्बात मैं नहीं लिखता ।
सुन ले अजय कुछ ज्यादा हो गया
मत कहना दिन रात नहीं लिखता ।
-अजय प्रसाद

4 Likes · 1 Comment · 234 Views

You may also like these posts

*बूंद की किस्मत*
*बूंद की किस्मत*
ABHA PANDEY
2777. *पूर्णिका*
2777. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर किसी पे भरोसा न कर ,
हर किसी पे भरोसा न कर ,
Yogendra Chaturwedi
शीर्षक -आँखों का काजल!
शीर्षक -आँखों का काजल!
Sushma Singh
मिडिल क्लास राजकुमार
मिडिल क्लास राजकुमार
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरी यात्रा
मेरी यात्रा
Shweta Soni
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
International Hindi Day
International Hindi Day
Tushar Jagawat
प्रेम
प्रेम
Acharya Rama Nand Mandal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
VINOD CHAUHAN
किसी और के संग ऐसा मत करना
किसी और के संग ऐसा मत करना
gurudeenverma198
बीते हुए दिन
बीते हुए दिन
rubichetanshukla 781
तुम्हारे प्यार की ...
तुम्हारे प्यार की ...
Nazir Nazar
राग दरबारी
राग दरबारी
Shekhar Chandra Mitra
Good morning
Good morning
Neeraj Agarwal
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
दिल
दिल
sheema anmol
मोह की समाप्ति भय का अंत है,
मोह की समाप्ति भय का अंत है,
पूर्वार्थ
मुस्कुराती  बेटियों पे गिर रही है बिजलियाँ
मुस्कुराती बेटियों पे गिर रही है बिजलियाँ
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
** मन में यादों की बारात है **
** मन में यादों की बारात है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मधुमाश
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
Ranjeet kumar patre
आहत मन !
आहत मन !
Jaikrishan Uniyal
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
अभी तो आये थे तुम
अभी तो आये थे तुम
प्रदीप कुमार गुप्ता
#प्रसंगवश-
#प्रसंगवश-
*प्रणय*
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
Phool gufran
Loading...