Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2020 · 1 min read

सावन पर दोहे सप्तक

सावन आया झूम के,सखियाँ झूला झूल।
रिमझिम वर्षा हो रही,सखी गयीं सब भूल।

शिव विवाह संपन्न हो,,हरियाली में मीत।
निर्जल व्रत पूजन करें,सखियाँ गायें गीत।

ताल तलैया भर उठे, हुई सुखद अनुभूति।
तन भीगा मन बावरा, हरि से ऐसी प्रीति।

हरियाला मौसम हुआ,सावन आया मीत।
मन उमँग से भर उठा,राग मेघ की जीत।

साथी बिन सावन मने, कैसे गायें गीत।
व्रत पूजन कैसे करूं, बिन तेरे मनमीत।

भारत माँ की आन को ,रखना तुम महफूज।
हरियाली की तीज में,मां की रखना सूझ।

झूले सूने रह गये,बिन तेरे मनमीत।
कोयल अब गूँगी हुई,चातक सा संगीत।

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

Language: Hindi
4 Comments · 2468 Views
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all

You may also like these posts

*खो दिया है यार को प्यार में*
*खो दिया है यार को प्यार में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Towards the end
Towards the end
Buddha Prakash
..
..
*प्रणय*
घुंघट में
घुंघट में
C S Santoshi
यादें
यादें
SATPAL CHAUHAN
"आस्था सकारात्मक ऊर्जा है जो हमारे कर्म को बल प्रदान करती है
Godambari Negi
"चांद है पर्याय हमारा"
राकेश चौरसिया
" आत्मज्ञान "
Dr. Kishan tandon kranti
पुष्प का अभिमान
पुष्प का अभिमान
meenu yadav
जनता
जनता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
रेतीले तपते गर्म रास्ते
रेतीले तपते गर्म रास्ते
Atul "Krishn"
3601.💐 *पूर्णिका* 💐
3601.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीनते भी होती है
जीनते भी होती है
SHAMA PARVEEN
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
मेरा भगवान तेरा भगवान
मेरा भगवान तेरा भगवान
Mandar Gangal
*खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज (कुंडलिया)*
*खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
चार लाइनर विधा मुक्तक
चार लाइनर विधा मुक्तक
Mahender Singh
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
sushil sarna
खुद पहचान
खुद पहचान
Seema gupta,Alwar
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
वक़्त ने जिनकी
वक़्त ने जिनकी
Dr fauzia Naseem shad
अपने-अपने संस्कार
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
डॉ. दीपक बवेजा
*अब मान भी जाओ*
*अब मान भी जाओ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कसक
कसक
Sudhir srivastava
sp115 श्री स्वर्गीय अग्रज केपी सक्सेना
sp115 श्री स्वर्गीय अग्रज केपी सक्सेना
Manoj Shrivastava
Loading...