बाण मां री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बाग़ तू भी लगा तितलियाँ आएगी ...
"If my energy doesn't wake you up,
माता पिता के बाद जो कराता है आपके कर्त्तव्यपथ का ज्ञान उसे व
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
ऐसी फूलों की एक दुकान उस गली मैं खोलूंगा,
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
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वो गलियाँ मंदर मुझे याद है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सावन भादों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..