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17 Jun 2020 · 1 min read

*मेरे पापा मेरे गुरु*

मेरे पापा मेरे गुरु
=============
कब भूला था मैं तुम्हें …..?
और भूल भी कैसे सकता हूं
आप ही तो मेरे आसमान थे
आप ही तो मेरे मेरा अरमान थे
आप ही तो मेरा स्वाभिमान थे
और आप ही थे …..
मेरे प्रथम गुरु।
……. जब तक
जब तक रही आप की छाया
छू ना पाया कोई बुरा साया
आप इतनी जल्दी क्यों चले गए
पापा क्या आप नाराज थे….?
नहीं नाराज तो आप होते ही नहीं थे।
हर वक्त हर हालात में हंसना आपकी नियति थी
मगर आपकी आंखें आपके अंदर के दर्द का संकेत जरूर देती थी,
आप ना होते तो मैं भी नहीं होता
और आज मेरे…..साथ ….
मेरा इतना बड़ा परिवार भी खड़ा नहीं होता,
पापा आज फादर्स डे है ……
आज के दिन अपनी अभिव्यक्ति की प्रस्तुति देना एक चलन हो गया है,
…….. मगर मुझे तो आप हर रोज
हर पल याद रहते हैं
आपको याद करने के लिए मुझे किसी निश्चित समय या पर्व की आवश्यकता नहीं है……..
आप मेरे जन्मदाता हो
मेरे भाग्य विधाता हो
मेरे विश्वात्मा हो
मेरे परमात्मा हो
मेरी पूजा हो
मेरी आस्था हो
……..मगर आज आप नहीं हो केवल प्रत्यक्ष ,
आप तो मेरी रगों में बहते हर खून के कतरे -कतरे में हो
हां पापा आप मेरे अंदर हो
आप मेरे अंदर हो
आप मेरे अंदर हो।।
=======मूल रचनाकार
डॉ.नरेश कुमार “सागर”
…..17/06/2020….9149087291

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 780 Views

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