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23 Jan 2020 · 1 min read

वो मेरा ख्याल रखता है

हा माना तुझे हासील हूँ मैं,
तू मुझे पाने की काबीलियत रखता है।
पर अकसर इंसान भूलता है,
वो अपनी औकात से ज्यादा की चाह रखता है।

आ गयी तेरी दुनिया में, भूले अपना वजूद मैं,
इस लिए तू मूछों पर ताव रखता है।
सर का ताज बनाने का वादा तेरा,
पाव की जूती सा वे मुझको जनाब रखता है।

अनजानी राह में वह मेरा ख्याल रखता है,
देखे कोई मेरी ओर वो मेरा हीजाब ढकता है।
सभ्यता मेरी जाती है तेज आवाज में,
हाथ उठाने में उसको अपना रूवाब लगता है।

हाँ चुप हूँ मैं सैलाब सी,
चंडी भी मैं ज्वाला भी हूँ।
अंजान मेरे वजूद से,
सरस्वती स्वभाव समझता है।

– खुश्बू गोस्वामी

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 618 Views

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