Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

यादों के साये…

यादों के साये जब दिल पें पडते है ,
बेकाबु अरमान दिल कें तडपते है …

आहिस्ता सांज सरकती जाती उसपार ,
इसपार दिलको तहस नेहस करते है …

बेगुनाह दिल चल पडा था मंजील की और
फिरसे वो रास्ते भुलेबिसरे आहे भरते है…

चांदणी रात चुपके से आने को है पर
ऐ नादान दिल क्या हुआँ ,क्यूँ डरते है …

अब ना आस थी ना दिये जलाये कही ,
फिरभी वो लौ बुझा कर खुद मरते है…

ये चौखट आज गिली हुई है यादों से,
बारीश की बुंदे आँखोसे सिमेटते है …

यादों के साये जब दिल पें पडते है ,
बेकाबु अरमान दिल कें तडपते है …

94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्राण दंडक छंद
प्राण दंडक छंद
Sushila joshi
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
चरित्र
चरित्र
Khajan Singh Nain
#मेरा अनुभव आपके साथ#
#मेरा अनुभव आपके साथ#
कृष्णकांत गुर्जर
दीप तुम हो तो मैं भी बाती हूं।
दीप तुम हो तो मैं भी बाती हूं।
सत्य कुमार प्रेमी
😢
😢
*प्रणय प्रभात*
" सोचो "
Dr. Kishan tandon kranti
कर्मवीर भारत...
कर्मवीर भारत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सज गई अयोध्या
सज गई अयोध्या
Kumud Srivastava
कल एक बेहतर दिन होगा
कल एक बेहतर दिन होगा
Girija Arora
हे प्रभु!
हे प्रभु!
Mukesh Kumar Rishi Verma
त्रिपदिया
त्रिपदिया
Rambali Mishra
"मेरा निस्वार्थ निश्चछल प्रेम"
विकास शुक्ल
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
DrLakshman Jha Parimal
ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे
ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे
Monika Arora
अनेकता में एकता
अनेकता में एकता
Sunil Maheshwari
कहाँ मिलेगी जिंदगी  ,
कहाँ मिलेगी जिंदगी ,
sushil sarna
उन्वान,
उन्वान,
Bodhisatva kastooriya
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भावों की पोटली है: पोटली......एहसासों की
भावों की पोटली है: पोटली......एहसासों की
Sudhir srivastava
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
घाटे का सौदा
घाटे का सौदा
विनोद सिल्ला
राजनीति
राजनीति
विशाल शुक्ल
फितरत
फितरत
संजीवनी गुप्ता
नीम की झूमती डाल के पार
नीम की झूमती डाल के पार
Madhuri mahakash
दुनिया की बुनियाद
दुनिया की बुनियाद
RAMESH SHARMA
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
Ravi Prakash
Loading...