मुक्तक
नज़रों ने देखा वो भी नज़ारा कभी कभी,
कि इंसान अपने खून से हारा कभी कभी,
जरुरत रही जब अपनों की वो साथ ना रहे
किस्मत से मिला गया है किनारा कभी कभी..
नज़रों ने देखा वो भी नज़ारा कभी कभी,
कि इंसान अपने खून से हारा कभी कभी,
जरुरत रही जब अपनों की वो साथ ना रहे
किस्मत से मिला गया है किनारा कभी कभी..